फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। उत्तर प्रदेश प्रधानाचार्य परिषद के जिलाध्यक्ष दिनेश कुमार वर्मा के नेतृत्व में प्रधानाचार्यों ने जिला विद्यालय निरीक्षक को ज्ञापन सांैपा। ज्ञापन में दर्शाया कि जनपद के अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाचार्यों द्वारा जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय के लिपिकों के विरोध में कक्ष में ज्ञापन दिया गया। कार्यालय के समस्त लिपिकों का कार्य एवं व्यवहार सभी प्रधानाचार्य एवं शिक्षकों के प्रति अति व्यवहारिक है। ऐसे में प्रधानाचार्य परिषद अनुरोध करता है कि व्यक्ति विशेष के दबाव में किसी भी लिपिक का पटल परिवर्तन न किया जाये। हम सभी प्रधानाचार्य परिषद के सदस्य व पदाधिकारी लिपिकों के विरोध में दिये गये ज्ञापन में खड़ंन एवं भरसना करते है। बीते दिनों दूसरे गुट द्वारा दिये गये ज्ञापन में तथ्यों को छिपाकर अपनी द्वेश भावना से प्रेरित होकर ज्ञापन देकर छवि धूमिल की जा रही है। ऐसे में बिना दबाव के निष्पक्ष भावना से कार्य करते रहे। प्रधानाचार्य परिषद पूर्ण सहयोग करती रहेगी। इस मौके पर अध्यक्ष दिनेश कुमार वर्मा, कणवेन्द्र सिंह, ओमपाल सिंह रघुवंशी, प्रेमपाल सिंह आदि लोग मौजूद रहे।
निजी कार्य के चलते दोनों लिपिकों से निकाली गई खुन्नस
फर्रुखाबाद। बीते दिनों प्रधानाचार्य परिषद द्वारा डीआईओएस कार्यालय में पटल सहायक मनोज कुमार मिश्रा व प्रेमचन्द्र यादव के खिलाफ ज्ञापन दिया गया था। जिस पर स्वामी रामानंद बालक इंटर कालेज के प्रधानाचार्य डा0 धर्मेन्द्र सिंह रघुवंशी व कर्नल ब्रह्मानंद इंटर कालेज के प्रधानाचार्य दुष्यंत पाल आदि ने खडंऩ किया और कहा कि बीते दिनों दिये गये ज्ञापन में हस्ताक्षर कराने के दौरान गुमराह किया गया। निजी एवं कार्यलीन विवाद के चलते दोनों लिपिकों से मेरा कोई वास्ता नहीं है।
प्रबंधक की शिकायत पर प्रधानाचार्य के खिलाफ जांच समिति नामित
फर्रुखाबाद। मोहन लाल शुक्ला आदर्श इंटर कालेज के प्रधानाचार्य डा0 संदीप कुमार चतुर्वेदी ने विद्यालय का एकल संचालन के लिए नाम ट्रांसफर कराने के लिए आवेदन दिया था। जब यह बात विद्यालय के प्रबंधक को पता चली तो उन्होंने इसकी शिकायत की। इस पर जिलाधिकारी ने एक कमेटी डीआईओएस व ईओ को नामित कर जांच समिति बना दी। इसी की प्रतिलिपि जब मांगने प्रधानाचार्य संदीप कुमार चतुर्वेदी डीआईओएस कार्यालय गये थे तब लिपिक ने डीआईओएस से पूछकर उन्हें प्रतिलिपि उपलब्ध कराने की बात कही थी। इसी बात से नाराज हो गये और उन्होंने प्रधानाचार्य परिषद के कुछ पदाधिकारियों के साथ डीआईओएस को ज्ञापन सौंपा था। दोनों लिपिकों ने बताया कि वह अपने निजी स्वास्र्थ के चलते विवाद को तूल दे रहे है। जबकि सत्यता कुछ और है। जांच में सब स्थिति साफ हो जायेगी।