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दहेज हत्या में मां-बेटे को सात वर्ष का कारावास

दस हजार रुपए के अर्थदंड से किया गया दंडित
फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। अपर जनपद न्यायाधीश संदीप तिवारी ने दहेज हत्या के मामले में मां बेटे को दोषी करार देते हुए सात वर्ष के कारावास से दंडित किया है।
जानकारी के अनुसार थाना बिलग्राम जनपद हरदोई की रहने वाली सितारा देवी पत्नी मंगली निवासी ग्राम पुन्नापुरवा मौजा कटरी बिलुड़ी ने 18 जून 2020 पुलिस अधीक्षक को दिए प्रार्थना पत्र में बताया की आज से लगभग 3 वर्ष पूर्व मैंने अपनी पुत्री ममता की शादी शिवकुमार पुत्र भरत सिंह निवासी टिकुरियन नगला थाना मऊदरवाजा के साथ हिंदू रीति-रिवाज से की थी। शादी में अपनी सामथ्र्य के अनुसार दान दहेज दिया था। किन्तु मेरी पुत्री ममता के ससुरालीजन पति शिव कुमार, ससुर भारत सिंह, सास नन्हीं देवी, ननद रोशनी व ज्योति दिए गए दहेज से संतुष्ट नहीं हुए एवं शादी के कुछ समय पश्चात ही मुझसे एवं मेरी पुत्री से अतिरिक्त दहेज में मोटरसाइकिल की मांग करने लगे। जब मैं व मेरी पुत्री ममता ने मोटरसाइकिल देने में असमर्थता जताई, तो उक्त सभी लोग ममता को मोटरसाइकिल की मांग को लेकर प्रताडि़त करने लगे एवं भूखा प्यासा रखने लगे। ममता द्वारा सूचना दिए जाने पर कई बार मैंने व मेरे पति एवं पुत्रों द्वारा ममता की ससुराल जाकर ससुरालीजनों को समझाया गया एवं मोटरसाइकिल को मांग को लेकर प्रताडि़त न किए जाने का अनुरोध किया। किन्तु उक्त लोग बार-बार ममता को प्रताडि़त करते रहे। 1 जून 2020 को समय करीब 12.00 बजे दिन में ममता के ससुरालीजन पति शिवकुमार, ससुर भारत सिंह, सास नन्हीं देवी, ननद रोशनी व ज्योति ने एक राय होकर मोटरसाइकिल की मांग को लेकर मेरी पुत्री ममता के ऊपर केरोसिन डालकर आग लगा दी। उक्त घटना की सूचना ममता के पड़ोसी मुकेश ने मेरे पुत्र उमेश के मोबाइल पर दी। घटना की सूचना प्राप्त हो जाने के पश्चात मैं अपने पति मंगली व पुत्र खुशीराम, उमेश व राजेश एवं दमन, जीतू के साथ ममता के ससुराल ग्राम टिकुरियन नगला पहुंचे, तो वहां गांव के बाहर एक बाग में मेरी पुत्री ममता जली हुई अवस्था में पड़ी थी। उसके ससुरालीजन कोई भी मौजूद नहीं था। मैंने अपने पति व पुत्रों एवं रिश्तेदारों की मदद से ममता को लाकर लोहिया अस्पताल पहुंचाया। जहां प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टर ने सैफई अस्पताल इटावा के लिए रेफर कर दिया। इलाज के दौरान 15 जून को ममता की मृत्यु हो गई। ममता द्वारा दिए गए बयानों के आधार पर मेरे द्वारा उसी दिन थाना मऊदरवाजा में उक्त लोगों के विरुद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज किए जाने हेतु प्रार्थना पत्र दिया गया थाष। किन्तु थाना मऊदरवाजा पुलिस द्वारा इलाज के बाद रिपोर्ट लिखने की बात कहकर मुझे थाने से भगा दिया गया था। साक्ष्य व गवाहों के आधार पर न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया गया। बचाव पक्ष व शासकीय अधिवक्ता पंकज कटियार, दीपिका कटियार, अनिल कुमार बाजपेई की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने पति शिवकुमार व सास नन्हीं ंदेवी को दोषी करार देते सात वर्ष का कारावास व दस हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है।

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