हाईटेंशन लाइन की चपेट में आकर हुई मौत, परिजनों में मचा कोहराम
कायमगंज, समृद्धि न्यूज। खेत में टूटे पड़े हाईटेंशन लाइन की चपेट में आकर युवक की मौत हो गयी। जहां एक तरफ आज मृतक की ममेरी बहन की बारात आनी है, वहीं दूसरी तरफ युवक की मौत से शादी की सारी खुशियां मातम में बदल गयी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
जानकारी के अनुसार कोतवाली क्षेत्र के गॉव मंगलीपुर निवासी पंकज उम्र 25 वर्षीय पुत्र प्रकाश के मामा देशराज की बेटी रागिनी की बारात २४ मई शनिवार को सलेमपुर उम्मरपुर थाना नवाबगंज से आनी है। गाँव में जोर शोर से शादी की तैयारियां चल रही थीं। पंकज ने मामा देशराज से कहा हम खेत पर जाकर बीज गाडक़र थोड़ी बहुत देर में आ जायेंगे। पंकज जैसे ही खेत पर पहुंचा, तो खेत के ऊपर से गुजरी हाईटेंशन लाइन का एक तार नीचे टूटा हुआ पड़ा था। जिसे पंकज देख नहीं पाया और उसकी चपेट में आकर अचेत होकर वहीं गिर पड़ा। पंकज के खेत में लगी समर से पानी पीने आए उसके चाचा गुलशन ने भतीजे पंकज को जब खेत में पड़ा देखा, तो परिजनों को सूचना दी। जिस पर पंकज के भाई निवेश, रिंकू, आदित्य, कौशल ने खेत पर पहुँचकर भाई पंकज को उठाकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में लेकर आए। जहाँ ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक डा0 जितेन्द्र कुमार ने पंकज को मृत घोषित कर दिया। मौत की सूचना पाते ही मृतक की मॉ संसारवती सहित बहनें अन्जली, शोभा सहित हल्का इन्चार्ज सुरजीत यादव ने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में पहुंचकर जाँच पड़ताल कर मृतक पंकज के शव का पंचनामा भरवाकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया। एक तरफ जहां ममेरी बहन की शादी की तैयारियां चल रही थीं, तो वहीं दूसरी तरफ इस घटना से सारी खुशियां मातम में बदल गयीं। घटना के बाद से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
विद्युत विभाग की लापरवाही से घटी घटना
पीडि़त परिजनों का कहना है कि कई बार विद्युत विभाग को लाईन ऊंची करने के लिए कहा गया, लेकिन विभाग ने एक नहीं सुनी। अगर लाईन ऊंची होती, तो शायद इस घटना को टाला जा सकता था। परिजनों का कहना है कि आज उनके परिवार में शादी थी और दूसरी तरफ घटी इस घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया है।
सादे समारोह में हुई शादी
दर्दनाक घटी घटना के बाद सादे समारोह में शादी की रस्म अदायगी की गयी। बाराती के रुप में कुछ लोग ही पहुंचे और सामान्य तरीके से शादी सम्पन्न करायी गयी। परिजनों का कहना था कि आज ही शादी होनी थी, यदि ज्यादा समय होता, तो शादी को आगे बढ़ा देते, लेकिन सभी तैयारियां पूर्ण हो चुकी थीं। इसलिए सादे माहौैल में शादी सम्पन्न करानी पड़ी।