Headlines

श्रीमद्भागवत कथा के छठे दिन हुआ कंस वध का प्रसंग, श्रद्धा से छलक उठीं आंखें

सैफई , समृद्धि न्यूज। मथुरा नगरी का दृश्य, कुश्ती के अखाड़े में गर्जन करता अत्याचारी कंस और सामने बाल रूप में साक्षात भगवान श्रीकृष्ण। जैसे ही कंस ने माता देवकी और पिता वसुदेव को कैद से छुड़ाकर आए श्रीकृष्ण पर प्रहार करना चाहा, उसी क्षण प्रभु ने उसे धराशायी कर धर्म की स्थापना की। यह प्रसंग जैसे ही शुक्रवार को नगला सेऊ हैवरा में स्थित श्री हनुमान मंदिर पर चल रही श्रीमद्भागवत कथा में सरस वाचक सुग्रीव दास जी महाराज के मुख से निकला, श्रद्धालुओं की आंखें स्वतः ही भर आईं। कथा स्थल जयकारों और तालियों की गूंज से गूंज उठा।छठे दिन की कथा में सुग्रीव दास जी महाराज ने बताया कि अत्याचार, अधर्म और पाप जब अपने चरम पर होता है, तब ईश्वर स्वयं अवतरित होकर धर्म की स्थापना करते हैं। उन्होंने कहा कि कंस केवल एक पात्र नहीं था, बल्कि वह हर युग में मौजूद उस अन्याय का प्रतीक है, जो कमजोरों को कुचलने का प्रयास करता है। भगवान श्रीकृष्ण ने केवल कंस का ही नहीं, अन्याय और अहंकार का भी अंत किया।
सप्ताहभर चल रही श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन ग्राम के वरिष्ठ श्रद्धालु परीक्षित हाकिम सिंह यादव और उनकी धर्मपत्नी सुखरानी देवी के संयोजन में किया जा रहा है। आयोजन के छठे दिन भी क्षेत्र से भारी संख्या में श्रद्धालु कथा सुनने पहुंचे। संगीतमय भजनों, श्रीकृष्ण की लीलाओं और मार्मिक प्रसंगों के साथ पूरा वातावरण आध्यात्मिक रस में डूबा रहा। आयोजन समिति ने बताया कि भागवत कथा का समापन आगामी दिन पूर्णाहुति और विशाल भंडारे के साथ किया जाएगा, जिसमें क्षेत्र के साधु-संतों और गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति प्रस्तावित है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *