प्रयागराज के महाकुंभ मेला क्षेत्र में एक बार फिर आग लगी है। इस बार हरिहरानंद के टेंट में आग लगी है। टेंट से ऊंची लपटें उठती हुई दिखाई दी हैं। मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड की टीम ने आग पर काबू पा लिया है। महाकुंभ मेला क्षेत्र में आग लगने की घटना का वीडियो भी सामने आया है।
प्रयागराज के महाकुंभ में शुक्रवार को एक बार फिर आग लग गई. आग लगने की सूचना मिलते ही दमकल की कई गाड़ियां मौके पर पहुंचीं. और आग बुझाने में जुट गई. ये आग मेला क्षेत्र के शंकराचार्य मार्ग स्थित सेक्टर-18 में आग लगी, जिससे कई टेंट जलकर खाक हो गए हैं. फिलहाल आग पर काबू पा लिया गया है. बताया गया है कि टेंट में आग लगते ही लोगों को बाहर निकाला गया. साथ ही साथ प्रशासन ने लगातार अपील कर कहा कि पास के अन्य टेंट में रह रहे लोग बाहर निकल आएं क्योंकि हवा तेज चल रही है, जिसकी वजह से आग तेजी से फैल सकती है. वहीं, अभी तक यह पता नहीं चल सका है कि आग किन कारणों की वजह से लगी है. खाक चौक थाने के इंस्पेक्टर योगेश चतुर्वेदी ने बताया, ‘ओल्ड जीटी रोड पर तुलसी चौराहा के पास एक कैंप में आग लग गई. हालांकि, दमकलकर्मियों ने आग पर काफी हद तक काबू पा लिया है.’ उन्होंने बताया कि अग्निशमन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं और कार्रवाई की निगरानी कर रहे हैं.
#WATCH | Prayagraj | A fire breaks out in Sector 18, Shankaracharya Marg of Maha Kumbh Mela Kshetra. Fire tenders are at the spot. More detail awaited pic.twitter.com/G4hTeXyRd9
— ANI (@ANI) February 7, 2025
आग लगने के कारणों का लगाया जा रहा पता
पुलिस ने बताया कि मौके पर पहुंची दमकल की गाड़ियों ने आग पर काबू पा लिया है। खाक चौक थाना के प्रभारी निरीक्षक योगेश चतुर्वेदी ने कहा कि ओल्ड जीटी रोड पर तुलसी चौराहे के पास एक टेंट में आग लग गई है। हालांकि, अग्निशमनकर्मी आग बुझाने में लगे हैं और काफी हद तक उस पर काबू पा लिया गया है। उन्होंने कहा कि मौके पर अग्निशमन विभाग के अधिकारी भी पहुंच गए हैं। आग लगने के कारणों का पता लगाया जा रहा है।
इससे पहले 30 जनवरी को छतनाग और झूंसी में लगी थी आग
महाकुंभ से सटे छतनाग गांव के किनारे अवैध रूप से बनी टेंट सिटी ”जस्ट ए शिविर’ में 30 जनवरी को आग लगी थी। जिसमें 15 लग्जरी कॉटेज राख हो गए थे। शुरुआत जांच में शॉर्ट सर्किट से आग लगने की बात सामने आई थी। फायर ब्रिगेड ने जल्द ही आग पर काबू पा लिया था। गनीमत रही कि आग के वक्त कॉटेज के अंदर कोई नहीं था।