फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। समाज में नशा किशोरों व युवाओं में अत्यधिक तीव्र गति से फैल रहा है जो घरों-परिवारों का सुख चैन छीन रहा है। नशे के कारण कई गम्भीर दुर्घटनाएं, लड़ाई झगड़े तथा अपराधों में बड़ी ही तेजी से बढ़ोत्तरी हो रही है। युवाओं में आजकल नये-नये प्रकार के नशीले पदार्थों के सेवन का चलन बढ़ रहा है जिसमें व्हाइटनर सूंघना, आयोडेक्स खाना, भांग खाना, चिलम के माध्यम से चरस व गाँजा पीना व सूई (सिरिंज) के माध्यम से नशीली दवाओं का सेवन करना मुख्य है। आजकल स्कूल व कॉलेज नशे के अड्डे बनते जा रहे हैं। नशीले पदार्थो का अवैध व्यापार करने वालों पर ढिलाई के कारण नशीले पदार्थ बड़ी ही आसानी से युवाओं को उपलब्ध हो जाते हैं जिससे युवा गलत संगत में पडक़े बड़ी ही आसानी से नशे के जाल में फंस जाते हैं। यह विचार राकेश द्विवेदी जिला प्रभारी पतंजलि योग समिति ने व्यक्त किये।
उन्होंने कहा कि जिस राष्ट्र का युवा नशे में डूबा हो उस राष्ट्र का भविष्य कैसा होगा। इसकी कल्पना आप स्वयं कर सकते हैं। युवाओं में बढ़ती नशे की लत के लिए कहीं न कहीं परिवार व समाज भी जिम्मेदार हैं। पहले आस पड़ोस वाले व गाँव के बुजुर्ग किशोरों व युवाओं को कुछ भी गलत करते हुए पाते थे तो उन्हें रोकते टोकते थे, लेकिन आज वैसा समाज नहीं रहा। लोग सोचते हैं कि पड़ोसी का बच्चा नशा कर रहा है मेरा नहीं, लेकिन लोग यह नहीं सोचते कि यदि पड़ोसी का बच्चा नशा करेगा तो एक दिन उनका भी बच्चा नशा कर सकता है, क्योंकि एक नशेड़ी युवा कई और युवाओं को भी नशे की चपेट में ले लेता है। नशा करने वाले परिवारों में महिलाएं और बच्चे सबसे अधिक प्रभावित व प्रताणित होते हैं, क्योंकि नशे के कारण परिवार में रोज कलह होती है तथा परिवार की आर्थिक स्थिति भी दयनीय हो जाती है जिस कारण उस परिवार के बच्चों का भविष्य अंधकारमय हो जाता है। हमें आज की पीढ़ी को नशे के चक्रव्यूह में फंसने से बचाने के लिए बहुत ही समझदारी से काम लेना होगा। युवाओं के दैनिक रहन सहन, उनके क्रिया कलापों तथा उनके व्यवहार पर नजर रखना होगा। जो युवा नशे की लत में पड़ चुके हैं। उन्हें सरकार, स्वैच्छिक संस्थाएं व समाज के बुद्धिजीवी वर्ग द्वारा मिलजुल कर नशे के विरुद्ध जागरूक करना होगा व अपने जीवन को आनंद के साथ जीने की सही राह दिखानी होगी। साथ ही प्रतिबंधित नशीले पदार्थों का अवैध व्यापार करने वालों के विरुद्ध एक सामूहिक अभियान चलाकर नशा मुक्त समाज के निर्माण में अपना महत्वपूर्ण योगदान देना होगा।
नशे की चपेट में दम तोड़ती युवा पीढ़ी, चिंता का विषय-राकेश द्विवेदी
