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हिंसा और उन्माद से ग्रस्त विश्व को बुद्ध के सिद्धांत ही बचा सकते-राणा

 बुद्ध पूर्णिमा पर संगोष्ठी एवं महादलित अभिनंदन का हुआ आयोजन
कायमगंज, समृद्धि न्यूज। बुद्ध पूर्णिमा पर विश्व बंधु परिषद द्वारा कृष्ण प्रेस परिसर में आयोजित संगोष्ठी में वक्ताओं ने तथागत को युग परिवर्तनकारी महामानव बताया। प्रोफेसर रामबाबू मिश्र रत्नेश ने कहा कि तथागत बुद्ध ने सनातन वैदिक दर्शन के सार तत्व को लोक भाषा के माध्यम से जनसाधारण तक उतार दिया और बेहद लोकप्रिय हुए। उन्होंने धर्म ग्रंथ पाठन, प्रारब्ध, भाग्य सिद्धांत, स्वर्ग नर्क, आत्मा परमात्मा, पूजा और परिक्रमा का निषेध करके मानव को अपना दीपक स्वयं बनने का उपदेश दिया। गीतकार पवन बाथम ने कहा कि तथागत बुद्ध ने चार आर्य सत्य बताते हुए कहा कि संसार दुख नहीं है संसार में दुख है जिसका निवारण हो सकता है उन्मूलन नहीं और इसके लिए उन्होंने विवेक का मार्ग बताया। पूर्व प्रधानाचार्य अहिवरन सिंह गौर ने कहा कि तथागत बुद्ध ने वेदों के बुद्धिवाद में करुणा का रस घोला। प्रधानाचार्य शिवकांत शुक्ला ने कहा कि बुद्ध के देश को भी आत्मरक्षा के लिए युद्ध के लिए तत्पर रहने का अधिकार सुनिश्चित है। स्वयं को दलित या महादलित न मानकर शुद्ध सनातन धर्म का जय घोष करने वाले युवा समाजसेवी शिवम वाल्मीकि ने कहा कि तथागत बुद्ध ने धर्मशास्त्र न पढऩे की हिदायत विवेक जगाने के लिए दी थी। उन्होंने धर्म ग्रंथों की निंदा करने, फाडऩे या जलाने की शिक्षा कभी नहीं दी। शिक्षक जेपी दुबे ने कहा कि तथागत का दर्शन हमें अंदर से वीर होना सिखाता है कायर होना नहीं। युवा नेता मनमोहन सिंह राणा ने कहा कि आज के हिंसा और उन्माद से ग्रस्त विश्व को बुद्ध के सिद्धांत ही बचा सकते हैं। छात्र यशवर्धन ने कहा कि आज तथागत बुद्ध को मानने वाले बहुत हैं तथागत बुद्ध की मानने वाले कहीं दिखाई नहीं देते हैं। डॉ0 सुनीत सिद्धार्थ ने कहा कि-जीवन जियो विवेक से जागृत कर चैतन्य। अप्पो दीपक आप भव यह सिद्धांत अनन्य।। शिक्षक अजय पाठक ने कहा कि मिट जाएंगे क्लेश सब रुक जाएंगे युद्ध। सम्यक मार्ग बता गए हमें तथागत बुद्ध।। प्रधानाचार्य रामगोपाल सिंह ने कहा कि तथागत बुद्ध ने व्यवहारिक एवं वैज्ञानिक दर्शन से मानवता का मार्ग प्रशस्त किया। कार्यक्रम में परिषद द्वारा क्रांतिकारी युवा विचारक शिवम वाल्मीकि का फूल माला अंग वस्त्र, मुद्रा, मिष्ठान आदि से स्वागत किया गया।

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