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छात्रों को सिखाये सडक़ सुरक्षा के गुर, राह-वीर बन कर घायलों की जान बचायें एवं ईनाम पायें

फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। म्यूनिसिपल इ0कालेज फतेहगढ़ में आयोजित किये गये कार्यक्रम में छात्रों एव कैडेट्स को एआरटीओ प्रशासन वृजेन्द्र नाथ चौधरी के द्वारा सडक़ सुरक्षा के सम्बन्ध में जागरूक किया गया। उनके द्वारा बताया गया कि दो पहिया वाहन चलाते समय हेल्मेट अनिवार्य रूप से धारण करें, वाहन चलाते समय मोबाइल पर बात न करें तथा गलत लेन में न चलें। एआरटीओ द्वारा बताया गया कि जनपद में माह मई 2025 में 43 सडक़ दुर्घटनाओं में 27 व्यक्तियों की मृत्यु हुई है, जबकि माह मई 2024 में 33 सडक़ दुर्घटनाओं में 14 व्यक्तियों की मृत्यु हुई थी। माह मई 2025 में जनपद में दुर्घटनाओं की संख्या में 30.30 प्रतिशत की वृद्धि तथा मृतकों की संख्या में 92.85 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। एआरटीओ-प्रशासन वृजेन्द्र नाथ चौधरी ने बताया कि माह मई 2025 में जनपद में 43 सडक़ दुर्घटनायें घटित हुई हैं, जिनमें 20 व्यक्तियों की मृत्यु हुई है तथा 24 व्यक्ति घायल हुये हैं। इनमें से 33 सडक़ दुर्घटनाओं में कम से कम एक दो पहिया वाहन शामिल है। 07 दुर्घटनाओं में शामिल दोनों वाहन दो पहिया थे, जिनमें 05 व्यक्तियों की मृत्यु हुई व 04 व्यक्ति घायल हुये। एआरटीओ ने बताया कि रांग साइड ड्राइविंग के मामलों में भारतीय न्याय संहिता की धारा 281 के अन्तर्गत भी कार्यवाही की जा सकती है जिसमें छ: माह तक का कारावास या एक हजार तक का जुर्माना अथवा दोनों हो सकते हैं। रांग साइड ड्राइविंग के कारण मृत्यु होने पर किसी भी प्रकार के मुआवजे हेतु कोई भी दावा शासन को नहीं भेजा जायेगा। उन्होंने छात्रों को सम्बोधित करते हुये राह-वीर योजना की जानकारी दी तथा बताया कि सडक़ परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा 21 अपै्रल 2025 से राह-वीर योजना प्रारम्भ की गयी है, जो 31 मार्च 2026 तक प्रभारी रहेगी। इस योजना के अन्तर्गत घातक दुर्घटना में घायल व्यक्ति को दुर्घटना के उपरान्त एक घण्टे (गोल्डन ऑवर) के अन्दर अस्पताल पहुंचाने से घायल के जीवित रहने पर रू0 25 हजार के पुरस्कार का प्राविधान है। घातक दुर्घटना में बड़ी सर्जरी, न्यूनतम तीन दिन अस्पताल में रहना, मस्तिष्क की चोट, रीड़ की हड्डी की चोट एवं इलाज के दौरान घायल की मौत सम्मिलित है। राहवीर योजना के प्रभावी क्रियान्वयन से मृतकों की संख्या में प्रभावी कमी लाई जा सकती है।
वहीं शिवाय योग पीठ के योगाचार्य अमित सक्सेना द्वारा योग कराया। साथ ही सभी एनसीसी कैडेट्स को फायरिंग प्रेक्टिस तथा सिखलाई एवं आरआरसी संग्रहालय का भ्रमण कराया गया। लेफ्टिनेंट गिरिजा शंकर ने प्राकृतिक तथा मानव निर्मित आपदा प्रबंधन के बारे में विस्तार से बताया गया। उन्होंने भूकंप, बाढ़, सूखा, आकाशीय बिजली का गिरना, आग लग जाने से सुरक्षा आदि आपदाओं से बचने के उपाय बताए। घरों में गैस सिलेंडर में आग लग जाने पर अग्निशमन सुरक्षा विभाग से आए उपनिरीक्षक भंवर सिंह द्वारा डेमो देकर एनसीसी कैडेट को बचाव एवं सुरक्षा के बारे में बताया गया। उन्होंने बताया कि यदि घर में गैस सिलेंडर में आग लग जाए तो घबराने की जरूरत नहीं है, बल्कि सूझबूझ से काम कर करना चाहिए। उन्होंने आग बुझाने के कई तरीके बताए। कैम्प में राजपूत रेजीमेंट सेंटर से ड्रिल इंट्रेक्टर ने एनसीसी कैडेट्स को ड्रिल करने के तरीके, सावधान, विश्राम तथा सामने सैल्यूट, दाएं सेल्यूट, बाएं सेल्यूट, का प्रशिक्षण दिया। इस अवसर पर कैंप कमांडेंट कर्नल अमरजीत सिंह मलिक, मेजर एसके माधव, लेफ्टिनेंट गिरजा शंकर, लेफ्टिनेंट चंचल शर्मा, लेफ्टिनेंट शिल्की मिश्रा, चीफ अफसर सतीश चंद्र यादव, थर्ड अफसर संतोष शुक्ला, नरेंद्र सिंह, सूबेदार मेजर नवीन कुमार, सूबेदार सुरेश कुमार, सूबेदार दिनेश, सूबेदार शैलेंद्र सिंह, हवलदार सोनू नागर, हवलदार संजय आदि स्टाफ मौजूद रहा।

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