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शिवभक्ति का महापर्व सावन आज से शुरु

समृद्धि न्यूज। आज से सावन का पावन महीना शुरू हो गया है। जो शिव भक्तों के लिए किसी उत्सव से कम नहीं होता। यह पूरा महीना भगवान शिव को समर्पित होता है और माना जाता है कि इस दौरान भोलेनाथ अपने भक्तों पर विशेष कृपा बरसाते हैं। पूरे सावन माह में शिवालयों में हर-हर महादेव की गूंज सुनाई देती है और भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए भक्त विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। सावन माह शुरू होने के साथ ही पुलिस ने कांवडिय़ों की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। कांवड़ मार्ग पर चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात है। दो हजार से अधिक सीसीटीवी व ड्रोन कैमरों से कांवड़ो मार्ग पर निगरानी रखी जाएगी। गुरुवार रात 12 बजे से रूट डायवर्जन भी लागू हो गया है।

भगवा रंग में रंगे बाजार, एआई प्रिंटेड महादेव टी-शर्ट की बहार

सावन का पवित्र महीना आज से शुरू हो गया। कांवडिय़ों के बीच एआई प्रिंटेड महादेव की टी-शर्ट की मांग ज्यादा है। इसकी खास बात यह है कि इन कपड़ों में भगवान शिव को आधुनिक अंदाज में दिखाया गया है। साथ ही इन कपड़ों का रंग भी लोगों को खासा आकर्षित कर रहा है। इन टी-शर्ट की मांग 40 फीसदी तक बढ़ी हुई है। कांवडिय़ें महादेव को प्रसन्न करने के लिए हरा, नारंगी, पीला, सफेद, नीला व अन्य रंगों के कपड़ों की खरीदारी कर रहे हैं।

सावन: जिसे श्रावण मास भी कहते हैं, हिंदू पंचांग का पांचवां महीना है। यह महीना आमतौर पर जुलाई-अगस्त में पड़ता है और इस दौरान मानसून अपने चरम पर होता है। प्रकृति की हरियाली और वातावरण में फैली सौंधी खुशबू इस पवित्र महीने की आध्यात्मिक महत्ता को और बढ़ा देती है।

क्यों खास होता है सावन

सावन माह को भगवान शिव का प्रिय मास कहा गया है। धार्मिक मान्यता है कि समुद्र मंथन के दौरान जब हलाहल विष निकला था, तब भगवान शिव ने उसे अपने कंठ में धारण कर इस संसार की रक्षा की थी। उस समय देवताओं ने उन्हें जल अर्पित किया था, ताकि विष का प्रभाव शांत रहे, तभी से सावन में शिवलिंग पर जलाभिषेक की परंपरा चली आ रही है।
सावन के प्रत्येक सोमवार को सोमवार व्रत का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने और शिवलिंग पर जल, बेलपत्र, दूध, दही, शहद आदि चढ़ाने से भगवान शिव अत्यंत प्रसन्न होते हैं और भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। कुंवारी कन्याएं अच्छे वर की प्राप्ति के लिए और विवाहित महिलाएं अपने वैवाहिक जीवन की सुख-शांति के लिए यह व्रत करती हैं।

 

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