श्रीमद्भागवत कथा के अंतिम दिन सुदामा चरित्र सुन श्रोता हुए भावविभोर
फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। विकास खंड कमालगंज की ग्रामपंचायत कुंदनगनेशपुर के कंतला में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के अंतिम दिवस पर कथा व्यास सुरेश चन्द्र द्विवेदी व आचार्य सुनोराम दुबे ने अपनी अमृतमयी वाणी से रुक्मिणी विवाह, भगवान के सोलह हजार एक सौ आठ विवाह, सुदामा चरित्र, परीक्षित मोक्ष सहित कथाओं का वर्णन किया। जिसमें भगवान कृष्ण के बाल सखा सुदामा चरित्र का मार्मिक प्रसंग का चित्रण करते हुए सुदामा जी की दीन हीन दशा को देखकर भगवान इतने रोये करुणानिधि ने अपने अश्रुओं से पग धोये। ऐसे मार्मिक प्रसंग पर बहुत से श्रृद्धालुओं की आंखों से अश्रुधारा बहती दिखाई दी। कथा परीक्षित सावित्री देवी व रामवीर उर्फ पप्पू राजपूत, यज्ञपति मुलायम सिंह व संगीतमयी संगत में ढोलक पर राजेश कुमार, पैड पर पुजारी श्रीवास्तव, आर्गन अर्पित राजपूत, बालकिशन राजपूत, प्रदीप कुमार रहे। इस अवसर पर प्रेमचन्द राजपूत, रामब्रज, सुधीश, डा0 बलवीर सिंह, अरविन्द राजपूत, लालसहाय, ओमकार, रघुनंदन सिंह, कृपाल सिंह, अतर सिंह, विश्राम सिंह, जवाहरलाल, संतोष, रामाधीन, गिरीशचंद्र, ब्रजभान गुड्डू, टिंकू, मंशाराम, राजनरायन आदि प्रमुख रूप से रहे।
देखि सुदामा की दीन दशा करुणा करके करुणानिधि रोये
