समृद्धि न्यूज। प्रदेश के एकल व शिक्षक विहीन प्राथमिक विद्यालयों में सरप्लस शिक्षकों को स्थानांतरित और समायोजित किया जाएगा। बेसिक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने आदेश जारी कर दिया है। इसके तहत यू डायस पोर्टल पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार शिक्षक विहीन एवं एकल शिक्षक वाले विद्यालयों में छात्र-छात्राओं के शैक्षिक हित में शिक्षकों की तैनाती के लिए बकायदा नीति भी जारी कर दी गई है। नीति में कहा गया है कि शिक्षक विहीन व एकल विद्यालयों में अन्त: जनपदीय स्थानान्तरण की कार्रवाई ग्रामीण सेवा संवर्ग से ग्रामीण सेवा संवर्ग एवं नगरीय सेवा संवर्ग से नगरीय सेवा संवर्ग में की जाएगी। यू-डायस पोर्टल पर उपलब्ध छात्र संख्या के आधार पर मानक से अधिक अध्यापक संख्या वाले विद्यालय एवं शिक्षक विहीन एवं एकल शिक्षक वाले विद्यालय को चिन्हित किया जाएगा। अन्त: जनपदीय स्थानान्तरण अपेक्षाकृत से अधिक अध्यापक वाले विद्यालयों से शिक्षक विहीन तथा एकल शिक्षक वाले विद्यालयों में उस सीमा तक किया जाएगा, ताकि हर विद्यालय में कम से कम दो अध्यापक हों। शिक्षकों की पदोन्नति, अन्यत्र स्थानान्तरण एवं अकस्मात मृत्यु के कारण विद्यालय शिक्षक विहीन अथवा एकल शिक्षक होने की स्थिति में जनपदीय समिति द्वारा नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। अन्त: जनपदीय स्थानान्तरण/समायोजन के बाद सम्बन्धित जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा मानव सम्पदा पोर्टल पर शिक्षक/शिक्षिकाओं के विवरण को अपलोड किया जाएगा।
छात्र संख्या के आधार पर शिक्षकों की संख्या की गणना होगी आवश्यकता से अधिक शिक्षक वाले विद्यालय और आवश्यकता से कम वाले विद्यालय को चिन्हित किया जाएगा।
अर्थात समायोजन 1.0 और समायोजन 2.0 जैसा समायोजन 3.0 है।
कम से कम विद्यालय में 02 शिक्षक अनिवार्य रूप से रहेंगे।
इस बार स्वैच्छिक शब्द का इस्तेमाल नहीं किया गया है।
समायोजन जूनियर का होगा या सीनियर का ये भी स्थिति स्पष्ट नहीं है।
स्थानान्तरण/समायोजन की कार्यवाही अध्यक्ष व सचिव
जिलाधिकारी/जिला मजिस्टे्रट-अध्यक्ष
मुख्य विकास अधिकारी- सदस्य
प्राचार्य, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान-सदस्य
जिला बेसिक शिक्षाधिकारी-सदस्य सचिव
