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इटावा में संग्राम: थाने का घेराव कर यादव संगठन का हंगामा, पुलिस पर पथराव और फायरिंग

इटावा, समृद्धि न्यूज। इटावा में कथावाचक के साथ बदसलूकी का मामला तूल पकड़ चुका है। इस मामले को लेकर स्थानीय स्तर पर लोगों में आक्रोश देखने को मिल रहा है। यही वजह है कि अहीर रेजिमेंट और यादव संगठन के कार्यकर्ताओं ने थाना बकेवर का घेराव कर जमकर हंगामा किया। लोगों ने सडक़ जाम कर अपनी मांगें रखी, जिसमें गगन यादव की रिहाई और कथावाचकों के खिलाफ की गई कार्रवाई को वापस लेने की मांग प्रमुख थी। इसके साथ हीए घटना के दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग भी की गई। इटावा में दो कथावाचकों के साथ मारपीट और बदसलूकी के मामले ने तूल पकड़ लिया है। गुरुवार को दांदरपुर ड्डगांव से यादव समाज और अहीर रेजिमेंट के युवाओं से पुलिस की झड़प हो गई। इस दौरान अहीर रेजिमेंट ने पुलिस पर पथराव और फायरिंग की। साथ ही पुलिस की गाड़ी भी तोड़ दी।
गुरुवार सुबह से प्रदर्शनकारी दांदरपुर गांव के बाहर खड़े होकर प्रदर्शन कर रहे थे। जो भी गांव में एंट्री कर रहा था, उसका जाति पूछ रहे थे, जो यादव थे, उन्हीं को गांव में एंट्री दी जा रही थी। कुछ लोगों ने इसका विरोध किया और पुलिस को मामले की जानकारी दी। सूचना मिलते ही बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स गांव पहुंच गई। पुलिस ने पहले तो प्रदर्शनकारियों को समझाने-बुझाने का प्रयास किया, लेकिन जब प्रदर्शनकारी नहीं मानें तो पुलिस ने उन्हें गांव से खदेडऩा शुरू कर दिया। इस दौरान पुलिस के आलाधिकारी भी मौके पर मौजूद रहे। गांव से भागकर प्रदर्शनकारी आगरा-कानपुर नेशनल हाईवे पर पहुंच गए। देखते ही देखते हजारों की संख्या में बाइक पर प्रदर्शनकरियों का हुजूम निकल पड़ा। प्रदर्शनकरियों ने पुलिस पर पथराव और फायरिंग करना शुरू कर दिया। साथ ही पुलिस की गाडिय़ों में तोडफ़ोड़ की।

कथावाचक संत यादव का छलका दर्द

कथावाचक संत यादव कैमरे पर रो पड़े, उन्होंने भरे हुए गले से कहा हम तो इतना होपलेस हो गए थे कि हमें मरने के अलावा कुछ दिखाई नहीं दे रहा था। यह घटना जो हुई, जिंदगी में पहली बार हुई। मेरे बच्चे भी रो रहे थे सर, मैं भी रो रहा था। मुझे मर जाना चाहिए, मुझे जीवित नहीं रहना चाहिए, कुल मिलाकर जो कुछ मेरे साथ हुआ, ऐसा भगवान किसी के साथ न करें, जाति के नाम पर हमें टॉर्चर किया गया। हमें बहुत मारा गया, मणियों की माला ले ली, कंठी भी तोडक़र फेंक दी, इस तरह हम को बहुत ज्यादा परेशान किया, हमारा मुंडन किया गया, मूत्र या फिर जल छिडक़ा गया,जूतों पर नाक रगड़वाई गई।

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