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एक लाख रुपये न देने पर सिपाही ने दर्ज कराया फर्जी फायरिंग करने का मुकदमा

परिजनों ने सीसीटीवी फुटेज, कॉल डिटेल, जीपीएस आदि महत्वपूर्ण साक्ष्य किये प्रस्तुत
मुख्यमंत्री को भी भेजा पत्र, सीओ बोली मामला गंभीर है
फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। एक लाख रुपये की रंगदारी न देने पर सिपाही पर फर्जी मुठभेड़ का मुकदमा दर्ज कराकर कई लोगों को आरोपी बनाकर जेल भेजने का आरोप परिजनों ने लगाते हुए मुख्यमंत्री से निष्पक्ष जंाच कराकर न्याय दिलाये जाने व दोषी पुलिस कर्मियों पर कार्यवाही की मांग की।
जानकारी के अनुसार फतेहगढ़ कोतवाली पुलिस द्वारा 19 मई की पुलिस पार्टी पर फायरिंग करने की घटना बताकर 20 मई को मुकद्मा दर्ज किया गया था। जिसमें दर्शाया कि पुलिस चेकिंग कर रही थी मसेनी चौराहे तरफ मनोरंजन गृह लोको रोड के पास अमित कटियार, विनय कटियार, अर्पित, अंशुल, अभय, साजन, अभिनव तोमर व एक अज्ञात व्यक्ति पुलिस पार्टी पर फायरिंग कर दी और भोलेपुर की ओर भाग गये। जिसमें अभिनव तोमर व एक अज्ञात को छोडक़र सभी आरोपी को पुलिस ने पकडक़र जेल भेज दिया है। इसी मामले में बनाये गये आरोपियों के परिजनों ने गुरुवार को पुलिस अधीक्षक के चौखट पर न्याय की गुहार लगायी। उनके न मिलने पर क्ष्ेात्राधिकारी ऐश्वर्या उपाध्याय को प्रार्थना पत्र व सभी साक्ष्य सौंपते हुए निष्पक्ष जांच कराकर दोषी पुलिस कर्मियों को दंडित कराने की मांग की। जिस पर क्षेत्राधिकारी ने परिजनों से कहा कि मामला काफी गंभीर है। पुलिस अधीक्षक ही इसे देखेंगे।
इस संदर्भ में मुख्यमंत्री, पुलिस महानिदेशक को भी एक शिकायती पत्र भेजा है। आरोपियों के परिजनों के नाम मायादेवी, वंदना तोमर आदि ने बताया कि सिविल लाइन चौकी पर तैनात सिपाही सतेन्द्र की पहले से ही अंशुल और अर्पित से दोस्ती थी, जिसके चलते रोज एक दूसरे के साथ बैठते थे। अंशुल का सिपाही सतेन्द्र के साथ रुपये का लेनदेन था। अंशुल ने कई बार रुपये देने को कहा, इस बात पर सिपाही से कहासुनी हो गयी और उसने अंजाम भुगतने की धमकी दी थी। १९ मई की रात्रि १० बजे के आसपास के अंशुल को सिपाही सतेन्द्र ने पकड़ लिया था और कहा था कि एक लाख रुपया दो तभी तुझे छोड़ेंगे। मना कर देने पर उधारी के रुपये वापस न करने पड़े। इसके चलते पुलिस पार्टी पर फायरिंग दर्शाकर फर्जी मुकदमा लगाया गया है। परिजनों ने सीसीटीवी फुटेज व जिस पुलिस पार्टी पर फायरिंग होना दर्शाया गया कि उसकी लोकेशन व थाने की जीडी में मोबाइल सेट आदि का उल्लेख नहीं किया गया है। अभिनव तोमर को मुख्य आरोपी बनाया गया है, जबकि घटना से कुछ दिन पूर्व घर के बाहर फायरिंग की गई थी। उस घटना की जांच पुलिस कर रहीहै, लेकिन उस घटना के आरोपी अभी तक गिरफ्तार नहीं किये गये है। परिजनों ने पुलिस पर फर्जी मुकदमा दर्ज कराकर फंसाये जाने का आरोप ल गाते हुए पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराकर दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है।

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