सैफई , समृद्धि न्यूज। उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय, सैफई के इमरजेंसी ट्रॉमा सेंटर में लगी एक्स-रे मशीन शुक्रवार शाम से बंद है। शनिवार को पूरे दिन भी मशीन चालू नहीं हो सकी, जिससे दो दिन से इमरजेंसी में पहुंचे मरीजों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ा। रोजाना औसतन छह सौ मरीज इमरजेंसी पहुंचते हैं, जिनमें से बड़ी संख्या में गंभीर व दुर्घटनाग्रस्त मरीजों को तत्काल एक्स-रे की आवश्यकता होती है। ऐसे में मशीन का बंद रहना चिकित्सा सेवाओं के लिए गंभीर चुनौती बना हुआ है।
ग्राउंड फ्लोर पर स्थित कमरा नंबर 10 में लगी 850 एमएम की यह एक्स-रे मशीन करीब 15 साल पुरानी है, जो अक्सर अधिक लोड के कारण ओवरहीट होकर काम करना बंद कर देती है। शुक्रवार शाम लगभग 7:30 बजे अचानक मशीन बंद हो गई। मौके पर मौजूद तकनीकी स्टाफ ने तत्काल सुधार की कोशिश की, लेकिन मशीन चालू नहीं हो सकी।
मशीन के बंद हो जाने के बाद इमरजेंसी स्टाफ ने मरीजों को पुराने ओपीडी भवन के कमरा नंबर 38 व 39 में भेजना शुरू किया, जहां वैकल्पिक रूप से एक्स-रे मशीनें चालू हैं। लेकिन वहां पहले से ही भारी भीड़ होने के कारण मरीजों को घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। तीमारदारों का कहना है कि इमरजेंसी में एक-एक पल कीमती होता है, ऐसे में इतनी देरी घातक साबित हो सकती है।
टिमरुआ गांव निवासी राजबीर 35 बर्षीय पुत्र श्रीकृष्ण ने बताया कि वह शुक्रवार शाम 5:30 बजे कथुआ मोड़ के पास बाइक की टक्कर से घायल हो गया था। शाम 7:30 बजे ट्रॉमा सेंटर पहुंचने पर डॉक्टरों ने उसके पैर की चोट को देखते हुए एक्स-रे के लिए भेजा, लेकिन मशीन खराब होने के चलते उसे डेढ़ घंटे तक इंतजार करना पड़ा और फिर पुरानी ओपीडी भेजा गया।
इसी तरह मैनपुरी निवासी गंगन कुमार ने बताया कि उनके 65 वर्षीय पिता राछपाल सिंह की तबीयत बिगड़ने पर शनिवार शाम करीब 6:00 बजे ट्रॉमा सेंटर लाया गया। डॉक्टरों ने चेस्ट एक्स-रे की सलाह दी, लेकिन मशीन बंद होने की वजह से दो घंटे बाद भी जांच नहीं हो सकी। अंत में उन्हें भी पुराने भवन में भेजा गया।
दो दिनों से लगातार मरीजों की जांच प्रभावित होने से इमरजेंसी वार्ड में भीड़ के दबाव और वैकल्पिक व्यवस्था की सीमाओं के कारण मरीजों को इलाज में देरी हो रही है।
ट्रॉमा सेंटर की एक्स-रे मशीन दो दिन से खराब, मरीजों को हो रही भारी परेशानी
