लखनऊ, समृद्धि न्यूज। उत्तर प्रदेश में पुलिस विभाग के शीर्ष पद डीजीपी को लेकर नए सिरे से हलचल तेज हो गई है। मौजूदा डीजीपी प्रशांत कुमार 31 मई को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। इस बार उनका कार्यकाल बढ़ाए जाने की संभावना बेहद कम मानी जा रही है, ऐसे में राज्य सरकार को जल्द ही नया डीजीपी नियुक्त करना होगा। यह पद बेहद अहम है, क्योंकि प्रदेश की कानून व्यवस्था, पुलिसिंग की दिशा और शासन की छवि काफी हद तक डीजीपी के दृष्टिकोण पर निर्भर करती है। डीजीपी पद की दौड़ में ये हैं प्रमुख चेहरे, राज्य में नए डीजीपी की रेस में कई अनुभवी और वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी शामिल हैं। सभी की अलग-अलग विशेषज्ञता और प्रशासनिक पृष्ठभूमि है, जो उन्हें इस अहम पद के लिए उपयुक्त बनाती है।
- राजीव कृष्ण (1991) बैच के आईपीएस अधिकारीए वर्तमान में उप्र पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड के अध्यक्ष और विजिलेंस के निदेशक, उनकी सेवानिवृत्ति में अभी चार वर्ष शेष।
- दलजीत सिंह चौधरी वर्तमान में बीएसएफ के डीजी उनकी सेवानिवृत्ति में छह माह से अधिक का समय बाकी।
- आलोक शर्मा एसपीजी की कमान संभाल रहे हैंएउनकी सेवानिवृत्ति में छह माह से अधिक का समय बाकी।
- एमके बसाल 1990 बैच के आईपीएस अधिकारी वरिष्ठता सूची में शामिल।
- तिलोत्तमा वर्मा डीजी प्रशिक्षण है, यदि राज्य सरकार उनको मौका देती है, तो वह प्रदेश की पहली महिला आईपीएस डीजीपी बनेंगी लंबे समय तक सीबीआई में तैनात रह चुकी हैं।
- आदित्य मिश्रा, संदीप तालुके और रेणुका मिश्रा भी वरिष्ठता सूची में शामिल हैं।