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वन दरोगा के पुन:चार्ज के बाद क्षेत्र में फिर सक्रिय हुए लकड़ी माफिया

लकड़ी माफिया ने एक दर्जन सागौन के हरे पेड़ काटे
वनाधिकारियों की छत्रछाया में फिर पनप रहा लकड़ी कटान का अवैध गोरखधंधा
शमशाबाद, समृद्धि न्यूज। इसे वन्य अधिकारियों का लकड़ी माफिया को संरक्षण कहा जाए, तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी, क्योंकि शमशाबाद क्षेत्र में दो दर्जन से अधिक लकड़ी माफिया एक लंबे समय से सक्रिय हैं और शहर के अलावा ग्रामीण इलाकों में हरे भरे वृक्षों को काटकर अच्छी खासी कमाई कर वन विभाग के राजस्व को चूना लगा रहे हैं। सबसे बड़ी बात यह है की लकड़ी माफिया जो कभी रात के अंधेरे में हरे भरे वृक्षों को कटवाकर दिन का उजाला होने से पहले ट्रैक्टर ट्रालियों के सहारे ठिकाने लगवा दिया करते थे। आजकल वही लकड़ी माफिया वन्य अधिकारियों के संरक्षण में पेड़ों के अवैध कटान के कार्य को धड़ल्ले से बेखौफ होकर अंजाम दे रहे हैं। इसका उदाहरण भी विकास खंड शमशाबाद क्षेत्र के ग्राम कुइयांधीर निवासी रामाधार के खेत में देखने को मिला। बताते हैं यहां लगभग 12 से अधिक सागौन के पेड़ थे। जिसे लकड़ कट्टा लालू के द्वारा कटवाकर ठिकाने लगवा दिया गया। बताते हैं जब ग्रामीणों को इस बात की जानकारी हुई तो उन्होंने इसकी सूचना कुछ समाचार प्रतिनिधियों को दी। जिस पर मौके पर देखा गया तो वहां 12 सागौन के पेड़ कटे हुए मिले। ज्ञात हो कि जब से वन दरोगा राकेश तिवारी ने चार्ज लिया है तब से लकड़ कट्टे पुन: सक्रिय हो गए हैं। शमशाबाद क्षेत्र में एक लंबे समय से हरे भरे वृक्षों को बेखौफ होकर लकड़ कट्टों द्वारा कटवाये जाने का कार्य जारी है। यही कारण है वन्य अधिकारियों के संरक्षण से बुलंद हौसलों के साथ लकड़ कट्टे दिन के उजाले में इस अवैध कार्य को अंजाम दे रहे जो एक चिंता का विषय है। वहीं जब लकड़ कट्टे लालू से सागौन के पेड़ों को काटने के संबंध में जानकारी की गई, तो उसने बताया कि मैने 12 सागौन के पेड़ काटे हैं जिनकी जड़ों पर मिट्टी भी हमने डलवा दी है। जिससे वन विभाग के कर्मियों को धोखा दिया जा सके। हम लोग जो भी हरी लकड़ी काटते हैं उसमें वन विभाग व पुलिस मेरा सहयोग करती है इसके ऐवज में हम उनको 40 परसेंट कमीशन के तौर पर देते हैं आप मेरा कुछ नहीं कर पाओगे।

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