पुलिस ने मुठभेड़ के दौरान दो आरोपियों को दबोचा

नवाबगंज। देर शाम उप निरीक्षक संतोष कुमार की तहरीर पर पुलिस ने धारा-302, 353, 379, 411, 34 भा0द0वि0 व 4/21 खनिज अधिनियम में आरोपी प्रदीप यादव पुत्र सहवीर यादव, भूपेंद्र यादव पुत्र सतीशचंद्र यादव, सुमित पुत्र नामालूम के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। पुलिस ने आरोपियों को पकडऩे के लिए दविश दी। जिस पर अभियुक्तगणों ने पुलिस पर फायर झोंक दिया। बचाव में पुलिस ने फायरिंग करते हुए प्रदीप यादव व भूपेंद्र यादव को गिरफ्तार कर लिया। दोनों घायल हैं। जिन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मोहम्मदाबाद भेजा गया है। मौके पर सीओ अमृतपुर भी पहुंचे। वहीं देर शाम चिकित्सकों ने घायलों को सीएचसी से लोहिया के लिए रेफर कर दिया गया।

कुछ प्रश्न जो घटना पर उठा रहे सवालिया निशान

नवाबगंज। नगला चंदन में हो रहे खनन की सूचना पर रात 12  बजे सूचना पर सिपाही चमन फैसल आरक्षी रोहित कुमार को अपने साथ बाइक पर क्यों ले गया, नाइट इंचार्ज संतोष सिंह की गाड़ी सडक़ पर क्यों खड़ी रही, क्या सिपाही चमन फैसल इन लोगों को खनन से होने वाली वसूली का हिस्सा नहीं देना चाहता था। जब रात्रि 12.00 बजे ट्रैक्टर चालक और जेसीबी को पकड़ा गया, तो सिपाही रोहित के चोट कैसे लगी, 12.00 बजे के बाद लगभग 1.30 बजे घायलावस्था में सिपाही को नवाबगंज थाने लाया गया। जहां पर थाने के सिपाही रवि और चमन फैसल ने घायल सिपाही रोहित कुमार की वर्दी क्यों उतार कर सादा कपड़े पहनाए, जबकि 50 मीटर दूरी पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती क्यों नहीं कराया गया? इस घटना आखिर आक्षी रोहित ही क्यों घायल हुआ, अन्य पुलिसकर्मी क्यों नहीं? घटना की सूचना रात में ही उच्चाधिकारियों को क्यों नहीं दी गयी ? आखिर इन महत्वपूर्ण सवालों से पुलिस क्यों बचना चाह रही है। सुबह पुलिस को ट्रैक्टर छुड़ाने के लिए एक प्रधान द्वारा 50,000/- में ववना चौकी इंचार्ज द्वारा सौदा तय हो जाने पर थोड़ी देर बाद सिपाही के मरने की खबर मिलने पर पुलिस विभाग में हडक़ंप क्यों मचा, ववना चौकी क्षेत्र में चौकी इंचार्ज को इतनी बड़ी घटना होने की जानकारी क्यों नहीं लगी, क्या चौकी इंचार्ज भी उक्त खनन के गोरखधंधे में लिप्त थे, सुबह चौकी पर ताला पड़ा रहा और सिपाही व दरोगा नदारत हो गए, घटनास्थल तक फोर्स को क्यों नहीं साथ ले गया चर्चित सिपाही, फोर्स को रास्ते में खड़ा कर स्वयं बाइक से लेकर सिपाही को क्यों ले गया ट्रैक्टर पकडऩे, रात्रिकालीन में हमेशा गाड़ी चलाने की ड्यूटी में तैनाती सिपाही की रहती थी, कल थाने पर मौजूद होने के बावजूद ड्यूटी पर क्यों नहीं गया था सिपाही, यह ऐसे अनसुलझे प्रश्न हैं जो घटना पर सवालिया निशान उठा रहे हैं ?

एक जेसीबी से एक रात में 14500 की होती थी वसूली

नवाबगंज। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एक रात में जेसीबी के रेट तय होते थे। जिसमें १० हजार थानाध्यक्ष, 2500 रुपया इलाके के दरोगा, २००० रुपया क्षेत्राधिकारी आफिस के नाम पर, 1000 रुपया क्षेत्र के सिपाही के नाम पर, कुल एक रात में 14500 रुपये की वसूली पुलिस एक जेसीबी से करती थी। जिसका पूरा हिसाब किताब सिपाही चमन फैसल रखता था।

शादी रुकने की खुशी में मृतक आरक्षी ने खिलायी थी आइसक्रीम

नवाबगंज। थाने में तैनात सिपाही रोहित कुमार की कल शादी तय हो गई थी। जिसके चलते उसने अपने साथी सिपाहियों को शाम 8.00 बजे आइसक्रीम की दावत दी थी। सभी सिपाही उसके साथ हंसी खुशी से आइसक्रीम खाई और बारात में जाने का वादा किया, लेकिन सिपाहियों को क्या मालूम था उसका साथी सिपाही बीती रात ही उसे छोडक़र चला जाएगा। सिपाही की मौत पर आज थाने के सिपाही रोते दिखाई पड़े। रोहित थाने में सबसे सीधा सिपाही था। जिसकी वजह से उसे लोग काफी पसंद करते थे।

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