श्रीमद् भागवत कथा के विराम दिवस पर सुदामा चरित्र कथा का भक्तों ने किया रसपान

फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। सेवा परमो धर्म फाउंडेशन के तत्वाधान में चल रही श्रीमद् भागवत कथा में नैमिषारण्य से आये बजरंगी महाराज ने प्रवचन में कहा कि स्वयं के द्वारा, दूसरे के द्वारा ब्राह्मण को दिये गये धन का जो हरण करता है, वह स्वयं ६० हजार वर्ष तक विष्ठा का कीड़ा के रुप में जन्म-मरण के दुख को भोगता है। बुद्धिमान पुरुष को चाहिए कि वह स्वप्न में भी ब्राह्मण की वृत्ति के अपहरण के बारे में न सोंचे।
पाण्डेश्वरनाथ शिवालय में चल रही श्रीमद् भागवत कथा में बजरंगी महाराज ने कथा के विराम दिवस पर राजा नृग की कथा, जरासंध वध, सुदामा चरित्र, कृष्ण उद्वव संवाद, कलियुग वर्णन, परीक्षित मोक्ष एवं दत्तात्रेय प्रसंग की कथा का दिव्य रसपान श्रोताओं को कराया। कथा के यजमान ठा0 अवधेश चौहान व उनकी पत्नी एवं गौरव मिश्रा रहे। आचार्य रवि, आचार्य श्याम ने विधि-विधान से पूजन सम्पन्न कराया। कथा के अंत में भगवत के स्वाध्यामी मुनीश्वर दयाल मिश्र ने भागवत धर्म के बारे में विस्तार से बताया। समिति के अध्यक्ष केदार शाह व समिति के सचिव पंकज पाठक ने आभार व्यक्त किया। इस मौके पर डा0 मनोज चतुर्वेदी ने विधिवत पूजन किया। ज्योतिषाचार्य संजीव मिश्रा ने धन्यवाद ज्ञापित किया। आरती के साथ प्रसाद वितरण कर कथा का समापन हुआ।

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