मानव जाति की रक्षा के लिए प्रभु यीशु मसीह ने बलिदान दिया: पादरी जयपाल मैसी

गिरिजाघरों में विशेष आराधना के साथ गुड फ्राइडे पर प्रभु यीशु मसीह को याद कर की आराधना
फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। गुड फ्राइडे ईसाई समुदाय का बहुत खास पर्व है। इसे शोक दिवस के तौर पर भी मनाया जाता है। गुड फ्राइडे को ग्रेट फ्राइडे, ब्लैक फ्राइडे भी कहते हैं। ऐसी मान्यता है कि मानव जाति की रक्षा के लिए प्रभु यीशु ने बलिदान दे दिया था। यीशु को यहूदी शासकों ने शारीरिक और मानसिक रूप से कई यातनाएं दीं और उन्हें सूली पर चढ़ा दिया। जिस दिन यीशु को सूली पर चढ़ाया गया था वो दिन शुक्रवार था। इसलिए यह दिन गुड फ्राईडे के रूप में जाना जाता है। इसी वजह से ईसाई धर्म के लोग गुड फ्राइडे के दिन प्रभु यीशु के बलिदान को याद करते हैं।
यह दिन ईसाई धर्म के अनुयायियों के लिए बेहद ही खास होता है। इस दौरान ईसाई समुदाय के लोग गिरजाघरों में जाकर प्रार्थना करते हैं। साथ ही प्रभु यीशु की याद में उपवास भी रखा जाता है। इस उपवास को करने के बाद मीठी रोटी बनाकर खाई जाती है। गुड फ्राइडे ना केवल भारत ही बल्कि दुनियाभर में मौजूद सभी ईसाई लोग मनाते हैं। सीएनआई बढ़पुर चर्च, ऑल सोल्स चर्च फतेहगढ़ में पादरी जयपाल मैसी ने दुआ के साथ प्रवचन दिये और सात वचनों को बताया। पादरी स्टीफन मसीह ने सिटी चर्च व रखा चर्च में प्रार्थना सभा के दौरान प्रभु यीशु मसीह के संदेश को सुनाया। सीएनआई बढ़पुर चर्च में प्रार्थना सभा का आयोजन हुआ। पादरी जयपाल मैसी ने कहा कि प्रभु को कटटर पंथियों ने सूली पर चढ़ा दिया था। वह तीन दिन बाद यानी ईस्टर संडे के दिन पुन: जीवित हो उठे थे। तब से यह दिन गुड फ्राइडे के रुप में मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि प्रभु ने कू्रस पर हमारे लिए अपनी जान क्यू दी थी। उसके महत्व को तथा उस प्रेम को समझाया। सात वचनों पर अलग-अलग लोगों ने प्रकाश डाला। पहले वचन पादरी जयपाल मैसी, दूसरा वचन अरनव मल ने बोला। तीसरा वचन ऐस्तर रोज दयाल, चौथा वचन सुजीत सहाय, पांचवां वचन रोनोश लाल व पादरी जयपाल मैसी ने बोले। सलीब का कारण प्रभु यीशु महीस को सूली पर चढ़ाये जाने के उपलक्ष्य में आयोजित हुई। प्रभु यीशु मसीह ने मानव जाति के उद्धार के लिए सलीब की मृत्यु सह ली।
पादरी स्टीफन मसीह ने कहा कि प्रभु ईसा मसीह प्रेम और शांति के मसीहा थे। दुनिया को प्रेम और करुणा का संदेश देने वाले प्रभु यीशु को उस समय के धार्मिक कट्टरपंथी ने रोम के शासक से शिकायत करके उन्हें सूली पर लटका दिया था। इसी कारण ईसाई धर्म को मानने वाले लोग गुड फ्राइडे को काले दिवस के रूप में मनाते हैं। प्रभु यीशु इस घटना के तीन दिन बाद यानी ईस्टर संडे के दिन पुन: जीवित हो उठे थे। ईसाई धर्म के लोग गुड फ्राइडे के दिन व्रत रखते हैं। साथ ही वह प्रभु यीशु के बलिदान को याद करते हैं। इस दिन लोग काले रंग के वस्त्र पहनकर प्रभु यीशु के बलिदान दिवस पर शोक मनाते हैं। संचालन विनीता सिंह ने किया। इस अवसर पर प्रियंका मैसी, जोर्डन राज, राजीव केलाल, भावना लाल, सुजीत सहाय, रितेश आलिव, रविन्द्र जी लाल, सुनील विक्टर, विजय दयाल के अलावा बड़ी संख्या में महिलायें व बच्चे भी मौजूद रहे। प्रभु की याद में गीत गाया गया।

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