समृद्धि न्यूज। आज देशव्यापी हड़ताल के कारण कई जरूरी सेवाओं पर असर पडऩे की आशंका है। ट्रेड यूनियन और बैंकों की पूरे देश में हड़ताल से बैंकों के अलावा डाकघर और रेलवे की सेवाओं पर भी असर पड़ेगा। हड़ताल के दौरान सडक़ों को जाम करने की चेतावनी भी दी गई है। यूपी में बिजली कर्मियों ने भी अलग से हड़ताल का एलान किया है।
देशभर में बैंकिंग, बीमा, कोयला खनन, राजमार्ग, निर्माण और कई अन्य क्षेत्रों में कार्यरत 25 करोड़ से ज्यादा कर्मचारी आम हड़ताल पर रहेंगे। यह हड़ताल 10 केंद्रीय श्रमिक संगठनों और उनकी सहयोगी इकाइयों के मंच ने सरकार की मजदूर, किसान और राष्ट्र विरोधी नीतियों के विरोध में बुलाई हैं। वहीं, दूसरी तरफ बिहार में आरजेडी, कांग्रेस और अन्य महागठबंधन विपक्षी दलों ने बिहार में वोटर लिस्ट रिवीजन के विरोध में बंद करने का ऐलान किया है।
#WATCH | Bihar | Members of RJD's students' wing block the train tracks at Jehanabad railway station, supporting 'Bharat Bandh' called by a joint forum of 10 central trade unions and their affiliates pic.twitter.com/SNPhpPXZbY
— ANI (@ANI) July 9, 2025
आज भारत बंद, बिहार में दिख रहा असर, रोकी जा रहीं ट्रेनें
आज भारत बंद का ऐलान किया गया है। भारत बंद का असर बिहार में भी दिखाई दे रहा है, हालांकि, बिहार में वोटर लिस्ट रिवीजन के खिलाफ हड़ताल की जा रही है। ट्रेनें रोकी जा रही हैं।
#WATCH| Mahagathbandhan leaders burn tyres and block roads supporting 'Bihar Bandh' called by the alliance against the Special Intensive Revision (SIR) of the voter list in Bihar before the state Assembly Elections 2025.
Visuals from the Maner Assembly stretch of National… pic.twitter.com/rKunRsczRb
— ANI (@ANI) July 9, 2025
आज, बैंक से लेकर डाक सेवाएं तक रहेंगी बंद
पूरे देश में आज भारत बंद का ऐलान किया गया है, हड़ताल की वजह से बैंकिंग, डाक सेवाएं, कोयला खनन, राज्य परिवहन, फैक्ट्रियां और कई अन्य जरूरी सेवाएं बंद रहेंगी।
#WATCH | Congress MP and LoP Lok Sabha Rahul Gandhi leaves for Patna to join protests over electoral rolls revision in poll-bound Bihar pic.twitter.com/GvOyZCPMr9
— ANI (@ANI) July 9, 2025
एक ट्रेड यूनियन पदाधिकारी ने बताया कि हड़ताल से बैंकिंग, बीमा, डाक, कोयला खनन, राजमार्ग और निर्माण जैसे क्षेत्रों में सेवाएं बाधित होने की उम्मीद है। सीआईटीयूए इंटक और एटक जैसे केंद्रीय ट्रेड यूनियन चार श्रम संहिताओं को खत्म करने, ठेकाकरण और पीएसयू के निजीकरण, न्यूनतम वेतन को बढ़ाकर 26 हजार रुपये प्रति माह करने, स्वामीनाथन आयोग के सी2 प्लस 50 प्रतिशत के फॉर्मूले के आधार पर फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और ऋण माफी की किसान संगठनों की मांगों पर जोर दे रहे हैं।