उत्तराखंड के ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी के बीच शुक्रवार को भारत-चीन (तिब्बत) सीमा क्षेत्र में माणा कैंप के पास भारी हिमस्खलन हुआ है। इस दौरान वहां निर्माण कार्य में लगे 57 मजदूर बर्फ में दब गए। आईजी गढ़वाल राजीव स्वरूप ने बताया कि अब तक 15 मजदूरों को निकाल लिया गया है। अन्य की तलाश जारी है।
उत्तराखंड के चमोली जिले में बड़ा हादसा हुआ है. बद्रीनाथ धाम में ग्लेशियर फटने से 57 मजदूर बर्फ में दब गए. मजदूरों को बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपेरशन शुरू किया गया है. अभी तक 10 मजदूरों को सुरक्षित निकाल लिया गया है. अन्य की तलाश की जा रही है. ये सभी मजदूर बद्रीनाथ धाम में सड़क निर्माण कार्य में लगे हुए थे, तभी यह हादसा हो गया. मौके पर चमोली जिला पुलिस-प्रशासन के अधिकारी और BRO टीम के सदस्य मौजूद हैं. उत्तराखंड में चारधाम यात्रा की तारीखों का ऐलान कर दिया गया है. इसी को देखते हुए बद्रीनाथ धाम से तीन किलोमीटर आगे माणा गांव के पास सड़क से बर्फ हटाने और उसकी मरम्मत का काम तेजी से चल रहा है. शुक्रवार सुबह के समय भी एक निजी ठेकेदार के 57 मजदूर सड़क पर से बर्फ हटा रहे थे, तभी अचानक से पहाड़ पर ग्लेशियर फटा और सभी के सभी मजदूर बर्फ में दब गए.
मामले पर चमोली के जिला मजिस्ट्रेट संदीप तिवारी ने बताया कि, हिमस्खलन के कारण माणा और बद्रीनाथ के बीच सीमा सड़क संगठन का एक शिविर दब गया। माणा भारत-तिब्बत सीमा पर 3,200 मीटर की ऊंचाई पर स्थित अंतिम गांव है। हिमपात और बारिश के जारी रहने के बीच राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और एसडीआरएफ की टीमें घटनास्थल के लिए रवाना हो गई हैं। वहीं पुलिस मुख्यालय के प्रवक्ता IG नीलेश आनंद भरणे ने बताया कि, “सीमा क्षेत्र माणा में सीमा सड़क संगठन के कैंप के पास भीषण हिमस्खलन हुआ है, जिसमें सड़क निर्माण में लगे 57 मजदूर फंस गए हैं। इन मजदूरों में से 10 मजदूरों को बचा लिया गया है और गंभीर हालत में माणा के पास सेना के कैंप में भेज दिया गया है।” इस बीच, BRO(सीमा सड़क संगठन) के अधिशासी अभियंता CR मीना ने बताया कि मौके पर 57 मजदूर मौजूद हैं। तीन से चार एंबुलेंस भी भेजी गई हैं, लेकिन भारी बर्फबारी के कारण बचाव दल को वहां पहुंचने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
जानकारी दें कि, उत्तराखंड में आगामी चारधाम यात्रा की तारीखों का ऐलान कर दिया गया है। इसी का मद्देनजर बद्रीनाथ धाम से तीन किलोमीटर आगे माणा गांव के पास सड़क से बर्फ हटाने और उसकी मरम्मत का काम तेजी से जारी है। वहीं आज शुक्रवार सुबह के समय भी एक निजी ठेकेदार के 57 मजदूर सड़क पर से बर्फ हटा रहे थे, तभी अचानक से पहाड़ पर ग्लेशियर फटा और सभी के सभी मजदूर उसी बर्फ में दब गए।
गढ़वाल सेक्टर के माणा गांव के पास GREF कैंप पर हिमस्खलन हुआ। कई मजदूरों के फंसे होने की आशंका है। भारी बर्फबारी और मामूली हिमस्खलन के बावजूद भारतीय सेना की आईबेक्स ब्रिगेड ने तेजी से बचाव अभियान शुरू किया। अब तक 10 कर्मियों को बचाया जा चुका है और सेना द्वारा उन्हें चिकित्सा सहायता प्रदान की जा रही है। अतिरिक्त सैनिकों और उपकरणों को घटनास्थल पर भेजा जा रहा है।
सोर्स: सूर्या कमांड, भारतीय सेना
सीएम धामी ने हादसे पर जताया दुख
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस घटना पर दुख जताया है। उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, ‘जनपद चमोली में माणा गांव के निकट BRO द्वारा संचालित निर्माण कार्य के दौरान हिमस्खलन की वजह से कई मजदूरों के दबने का दुःखद समाचार प्राप्त हुआ। ITBP, BRO और अन्य बचाव दलों द्वारा राहत एवं बचाव कार्य संचालित किया जा रहा है। भगवान बदरी विशाल से सभी श्रमिक भाइयों के सुरक्षित होने की प्रार्थना करता हूं।
रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी सेना
घटना की सूचना मिलते ही इंडियन आर्मी की इबेक्स ब्रिगेड ने तेजी से एक्शन लिया. 100 से अधिक जवान, डॉक्टर, एंबुलेंस और भारी इक्विपमेंट के साथ सेना मौके पर पहुंची. सुबह 11:50 बजे तक रेस्क्यू टीम ने पांच कंटेनरों को खोज लिया और 10 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया, जिनमें से चार की हालत गंभीर बताई जा रही है.
बाकी तीन कंटेनरों में फंसे लोगों को निकालने के लिए तेजी से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है. हालांकि, क्षेत्र में लगातार छोटे हिमस्खलन होने के कारण बचाव कार्य धीमी गति से और पूरी सावधानी के साथ किया जा रहा है. क्षेत्र में भारी बर्फबारी जारी है और ग्रेफ (GREF) द्वारा जोशीमठ से माणा तक की सड़क को साफ करने का कार्य किया जा रहा है. अतिरिक्त चिकित्सा संसाधन भी जोशीमठ से माणा भेजे जा रहे हैं, ताकि बचाव और चिकित्सा सहायता में तेजी लाई जा सके.