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आबकारी नीति में हुआ बड़ा बदलाव, एक ही दुकान में मिल सकेंगी बियर, देशी और अंग्रेजी शराब

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में 2025-26 की आबकारी नीति को मंजूरी दे दी गई। नई नीति में देशी-विदेशी शराब, बीयर, भांग की फुटकर दुकानों का लाइसेंस ई-लॉटरी से होगा। विभाग इस बार पुराने लाइसेंस का रिन्यूवल नहीं करेगा। बता दें कि इससे पहले वित्तीय वर्ष 2018-2019 में ई-लॉटरी से दुकानें आवंटित हुई थी। हालांकि वित्तीय वर्ष 2026-27 में लाइसेंस रिन्यूवल का विकल्प दिया जाएगा।

लखनऊ. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने आबकारी नीति में बड़ा बदलाव किया है. बुधवार शाम को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में नई आबकारी नीति के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई. इसके तहत प्रदेश में पहली बार कम्पोज़िट दुकानों के लाइसेंस जारी किए जाएंगे. यानी की अब बियर, देसी और अंग्रेजी शराब एक ही दुकान से बेचीं जा सकेगी. हालांकि, कम्पोज़िट दुकान में शराब पीने की व्यवस्था नहीं होगी. सूत्रों के मुताबिक वर्ष 2025-26 के लिए देशी-विदेशी शराब, बीयर, भांग की फुटकर दुकानों का लाइसेंस ई-लॉटरी से होगा. इस वित्तीय वर्ष में पुराने लाइसेंस का रिन्यूअल नहीं होगा। 2026-27 से दुकानों के रिन्यूअल की व्यवस्था होगी. प्रीमियम रिटेल शॉप के लिए लाइसेंस फीस में कोई बदलाव नहीं किया गया है. 25 लाख रुपए वार्षिक शुल्क के साथ दुकान का रिन्यूअल करवाया जा सकता है. इतना ही नहीं इस बार सरकार ने आबकारी विभाग से 55 हजार करोड़ के राजस्व को जुटाने का लक्ष्य रखा है, जो कि पिछली बार से 4 हजार कोर ज्यादा है.

अब 60 और 90 एमएल में भी मिलेगी विदेशी मदिरा

 कैबिनेट की बैठक में बुधवार को आबकारी नीति को मंजूरी मिल गई। इसके तहत मॉल्स के मल्टीप्लेक्स एरिया में प्रीमियम ब्रांड की दुकानें खोलने की अनुमति नहीं होगी। हालांकि सक्षम स्तर से अनापत्ति मिलने पर हवाई अड्डों, मेट्रो व रेलवे स्टेशनों पर मुख्य भवन में प्रीमियम रिटेल की दुकानें अनुमन्य हाेंगी। इनका मुख्य द्वार भवन के अंदर होने की बाध्यता खत्म कर दी गई है। वहीं, पहली बार विदेशी मदिरा की 60 एमएल और 90 एमएल की बोतलों की बिक्री की अनुमति भी दी गई है।

एसेप्टिक ब्रिक पैक में मिलेगी देशी मदिरा

नई नीति में देशी मदिरा एसेप्टिक ब्रिक पैक में बिक्री के लिए उपलब्ध कराई जाएगी। इसका इस्तेमाल करने से शराब में मिलावट होने की आशंका खत्म होती है।

ई-लॉटरी से होगा अलॉटमेंट

आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में बताया कि सात साल में पहली बार राज्य में सभी देसी शराब की दुकानों, कंपोजिट दुकानों, मॉडल शॉप और भांग की दुकानों का अलॉटमेंट पहले की रिन्‍युअल प्रोसेस के बजाय ई-लॉटरी के जरिए किया जाएगा. नई प्रणाली के तहत एक आवेदक सिर्फ एक ही आवेदन जमा कर सकता है और किसी भी व्यक्ति को पूरे राज्य में दो से अधिक दुकानें आवंटित नहीं की जाएंगी. “कम्पोजिट शॉप्स” की खास बात यह होगी कि यहां कस्‍टमर्स को एक ही दुकान में हर तरह के मादक पेय पदार्थ, मिलेंगे जिन्‍हें वे खरीद सकेंगे.

कितनी लगेगी प्रोसेसिंग फीस?

शराब का ठेका खोलने के बाद उनहें कितनी प्रोसेसिंग फीस चुकानी होगी, इसके लिए भी सरकार ने नियम तय किए हैं. प्रोसेसिंग फीस को पांच स्लैब में बांटा गया है. पहली कैटेगरी में गौतम बुद्ध नगर, गाजियाबाद, लखनऊ, आगरा, वाराणसी, प्रयागराज, गोरखपुर और कानपुर के विकास प्राधिकरणों के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र शामिल हैं. उनकी नगरपालिका सीमा के आसपास का 3 किलोमीटर का दायरा भी इसमें शामिल होगा. इन क्षेत्रों में देसी शराब की दुकानों के लिए प्रोसेसिंग फीस 65,000 रुपये, कंपोजिट दुकानों के लिए 90,000 रुपये, मॉडल शॉप्‍स के लिए 1 लाख रुपये और भांग की दुकानों के लिए 25,000 रुपये तय की गई है.

दूसरी और तीसरी कैटेगरी में कितनी होगी फीस?

पहली श्रेणी में शामिल नहीं किए गए बड़े शहर और आसपास का 3 किलोमीटर का क्षेत्र दूसरी कैटेगरी में शामिल किया गया है. यहां देसी शराब की दुकानों के लिए फीस 60,000 रुपये, कंपोजिट दुकानों के लिए 85,000 रुपये, मॉडल शॉप्‍स के लिए 90,000 रुपये और भांग की दुकानों के लिए 25,000 रुपये होगी. जबकि तीसरी कैटेगरी में नगर निगम क्षेत्र और उनके 3 किलोमीटर के दायरे को शामिल किया गया है. इस श्रेणी में देसी शराब की दुकानों के लिए फीस 50 हजार रुपये, कंपोटिज दुकानों के लिए 75,000 रुपये, मॉडल शॉप्‍स के लिए 80,000 रुपये और 25,000 रुपये होगा.

चौथे और पांचवे श्रेणी में कितनी लगेगी फीस?

चौथी श्रेणी में नगर पंचायत क्षेत्र और उनके 3 किलोमीटर के दायरे को शामिल किया गया है. यहां देसी, कंपोजिट, मॉडल और भांग की दुकानों के लिए प्रोसेसिंग फीस क्रमशः 45,000 रुपये, 65,000 रुपये और 70,000 रुपये और 25,000 रुपये होगी. वहीं पांचवीं श्रेणी में ग्रामीण क्षेत्र को शामिल किया गया है. यहां देसी, कंपोजिट, मॉडल और भांग की दुकानों के लिए शुल्क क्रमशः 40,000 रुपये, 55,000 रुपये और 60,000 रुपये और 25,000 रुपये होगा.

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