सिंगल यूज पॉलीथिन के खिलाफ नगर में चला अभियान

10 किलो पॉलीथिन व थर्माकोल जब्त, लगाया जुर्माना
कायमगंज, समृद्धि न्यूज। सिंगल यूज प्लास्टिक के खिलाफ विशेष अभियान चलाया गया। इस दौरान प्रतिबंधित पॉलीथिन व थर्माकोल जब्त कर दुकानदारों से जुर्माना वसूला गया। छापेमारी से दुकानदारों में अफरा-तफरी का माहौल उत्पन्न हो गया।
जानकारी के अनुसार मंगलवार को कायमगंज नगर पालिका परिषद अधिशासी अधिकारी रजनी कान्त पाण्डेय के निर्देश पर आरआई अन्शुमान, आनन्द शुक्ला, बी0पी0एम0 विनय शाक्य, जेई प्रशान्त कुमार ने नगर के मुख्य बाजारों में सिंगल यूज प्लास्टिक के खिलाफ विशेष अभियान चलाया। इस दौरान 10 किलो प्रतिबन्धित पॉलीथिन व थर्माकोल जब्त कर जुर्माना वसूला गया। अधिशासी अधिकारी रजनी कान्त पाण्डेय ने बताया कि पर्यावरण मंत्रालय व जिलाधिकारी वी0के0 सिंह के निर्देश पर नगर व मैन चौराहे पर नगर पालिका टीम ने अलग-अलग दुकानों पर छापेमारी अभियान चलाया। जिससे दुकानदारों में हडंक़म्प मच गया। अभियान के दौरान पालिका की टीमों ने दुकानो से 10 किलो सिंगल यूज प्लास्टिक सामग्री जब्त की। साथ ही दुकानदारों चालान काटकर जुर्माना वसूला गया। इस मौके पर आरआई अन्शुमन, आनन्द शुक्ला, वरिष्ट लेखाकार रामभुवन यादव, वरिष्ठ स्वास्थ्य लिपिक विजय कुमार, सफाई नायक सुभाष चन्द्र, उमेश, ब्रजेन्द्र, रवि, टैक्स अमीन सौरभ, टीटू, बादशाह साहित नगर पालिका की टीम मौजूद रही। कर्मचारियों का कहना है कि सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग पूर्णतया प्रतिबंधित है। इसे बेचते पकड़े जाने पर चालान काटने व जुर्माने का प्रावधान है। वहीं चिकित्सकों का कहना है कि पॉलीथिन का प्रयोग करने पर इसके कई दुष्परिणाम देखने को मिलते हैं।

पॉलिथीन आज पर्यावरण के लिए बड़ी चुनौती

पॉलिथीन आज पर्यावरण के लिए एक बड़ी चुनौती बन चुकी है। पॉलिथीन का विकल्प होने के बावजूद उनका इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है। पॉलिथीन बनाने में ऐसे जहरीले केमिकल्स इस्तेमाल किये जाते हैं जो पर्यावरण और जीवन के लिए घातक है। पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के मुताबिकए प्लास्टिक बैग जहरीले केमिकल्स से बनते हैं। इससे स्वास्थ्य और पर्यावरण पर विपरीत असर पड़ता है।

चालान काटने तक ही सीमित रहते अधिकारी

रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, बाजारों और मंडियों में सरेआम लोग पॉलिथीन के बैग लटकाते खरीददारी करते नजर आते हैं। न तो प्रशासन जागरूकता अभियान चला पाया न इस पर रोक लगवा पाया। अफसरों का ध्यान सिर्फ चालान काटने पर ही रहा। वह भी यदा कदा। बावजूद इसके पॉलिथीन का यूज बंद नहीं हो पाया।

जमीन की उर्वरा शक्ति नष्ट करती पॉलीथिन

पानी में फेंके जाने पर यह जलचक्र को प्रभावित करती है। पानी के जीवों के असमय मौत का कारण बनता है। जमीन की उर्वरा शक्ति नष्ट कर देती है। मिट्टी भुरभुरा कर भूस्खलन कराने में सहायक होती है। सतही जल प्रदूषित करती है। कुआं और चापानल का पानी जहरीला कर देता है। शहरों में नालियों के जाम होने का सबसे बड़ा कारण पॉलीथिन ही है। इससे लगातार निकलने वाली जहरीली गैस हवा के साथ मिलकर उसे जहरीली बना देती है।

कैंसर फैलाने में सहायक होती है पॉलीथिन

चिकित्सकों का कहना है कि पॉलिथीन फैक्टरी में काम करने वालों को आम आदमी की तुलना में कैंसर होने का खतरा 80 फीसदी ज्यादा होता है। पॉलिथीन से उत्सर्जित होने वाली गैस इसका इस्तेमाल करने वाले के लिए भी घातक है। लगातार प्लास्टिक की बोतल में पानी या चाय पीने वालों को कैंसर तक हो सकता है। इस्तेमाल के बाद पॉलिथीन को फेंकना भी कम खतरनाक नहीं है।

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