फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। श्री राधा श्याम शक्ति मंदिर लोहई रोड पर त्रिदिवसीय आध्यात्मिक संगोष्ठी के तृतीय दिवस की व्याख्या के अंतर्गत वैदिक युग के आदि पत्रकार देव ऋषि महर्षि नारद के कृतित्व, व्यक्तित्व पर डॉ0 शिवओम अंबर द्वारा विचार व्यक्त करते हुए नारद साधु का अर्थ ज्ञान सत्य संवेदनाओं को देने वाला कहा है कि त्रिलोकदर्शी देव, मानव, दानव के दुखों का हरण करने वाला संत देव लोक हो या पृथ्वी के प्राणीयों एवम् सभी की लोकमंगल की कामना करते हैं। गो0 तुलसीदास ने कहा जेहि विधि नाथ होई हित मोरा….नारद सांसारिक दुख दर्द कष्ट के निवारण हेतु सागर में भगवान विष्णु के पास पहुंचते हैं वहां उनसे संसार की सभी प्राणियों के कष्ट निवारण हेतु संवाद करते हैं, पूछते हैं उनके कष्ट कैसे दूर हो भगवान सभी जीवो का कल्याण का मंगलमय जीवन का संदेश देते हैं। उनके द्वारा लिखित भक्ति सूत्र जिसमें 84 सूत्रों में मानव दानव देवताओं के कल्याण हेतु ईश्वर का संदेश आदि पत्रकार के रूप में लोक कल्याण के लिए कार्य किया। डा0 शिवओम अंबर द्वारा 84 भक्ति सूत्र के अंतर्गत जीवन कल्याण के लिए मनुष्य की भावनाओं के संरक्षण के तीन सोपान है आसक्ति, अनुशक्ति, और भक्ति, आशक्ति वस्तु से होती है अनुशक्ति व्यक्ति से भक्ति परमात्मा से ईश्वर आशक्ति बीज है। अनुशक्ति पुष्प है और भक्ति पुष्प की सुगंध है देव ऋषि नारद के 84 सूत्रो सत्य का सार तत्व है। डॉ0 शिव ओम अम्बर के भक्ति सूत्र का संक्षेप में अध्यात्मिक कथाओं कविताओं वैदिक श्लोक से प्रसंग के साथ विचार व्यक्त किया। इस अवसर पर अरुण जलान, हर्षित सिगतिया, सुरेन्द्र सफ्फड़, प्रवीण अग्रवाल, कन्हैयालाल जैन, डॉ0 मनोज मेहता, डॉ0 हजरत द्विवेदी, अशोक मिश्रा, जितेंद्र अग्रवाल, सिद्धार्थ ने मुख्य वक्ता का स्वागत किया। कार्यक्रम का विराम युगल सरकार खाटू श्याम, हनुमान जी की आरती और प्रसाद वितरण के साथ हुआ। इस आध्यात्मिक संगोष्ठी में नगर के व्यक्तियों ने आध्यात्मिक ज्ञान गोष्ठी का रसपान किया। संचालन संत कवि बृज किशोर सिंह किशोर ने किया।
देवर्षि नारद ने सांसारिक पीड़ा के निवारण के लिए किया संसार का भ्रमण
