कम्पिल, समृद्धि न्यूज। धर्म, आस्था और भक्ति की नगरी कम्पिल में मां गंगा के पावन तट पर एक और अध्यात्मिक केंद्र्र की भव्य स्थापना हुई है। नारायण आश्रम परिसर में मथुरा शैली पर निर्मित श्री बांके बिहारी मंदिर का निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है। यह मंदिर अब क्षेत्र के लिए न सिर्फ एक श्रद्धा स्थल बन गया है, बल्कि धार्मिक पर्यटन का भी नया केंद्र बनने की ओर अग्रसर है।
स्व0 चंद्रप्रकाश अग्रवाल के संकल्प को मिला साकार रूप
इस भव्य मंदिर की आधारशिला वर्ष 2018 में समाजसेवी स्व0 चंद्रप्रकाश अग्रवाल उर्फ पिक्को बाबू ने रखी थी। यह उनका जीवन का एक सपना था। जिसे उनके पुत्र सत्यप्रकाश अग्रवाल, लक्ष्मीनारायण अग्रवाल और पूरे परिवार ने मिलकर साकार किया। उन्होंने श्रद्धा, सेवा और समर्पण से इस मंदिर को निर्मित कराया। जो अब सम्पूर्ण क्षेत्र के लिए एक प्रेरणास्त्रोत बन गया है।
मंदिर में राधा-कृष्ण सहित विभिन्न देवी-देवताओं की प्रतिमाएं
नव निर्मित मंदिर में श्री राधा.कृष्ण की भव्य और आकर्षक प्रतिमा के साथ-साथ श्री गणेश, मां शेरावाली, श्री हनुमान जी और क्षेत्र के विख्यात संत ब्रह्मलीन कारव वाले बाबा जी एवं ब्रह्मलीन सिलीगुड़ी वाले मौनी बाबा की प्रतिमाएं भी स्थापित की गई हैं। मंदिर परिसर में आते ही श्रद्धालु भक्ति में लीन हो जाते हैं और दिव्य अनुभूति का अनुभव करते हैं।
तीन दिवसीय प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में उमड़ा आस्था का सैलाब
पूरे विधि.विधान से सम्पन्न तीन दिवसीय प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में श्रद्धा और उल्लास की अनोखी छटा देखने को मिली। कार्यक्रम का संचालन वृंदावन से पधारे आचार्य नीरज मिश्रा के पावन सान्निध्य में हुआ। सोमवार को श्री गणपति पूजन और मंडलापति देवताओं के आह्वान से धार्मिक अनुष्ठान की शुरुआत हुई। मंगलवार को जलाधिवास, अन्नाधिवास जैसे अनुष्ठानों के साथ नगर में भव्य शोभायात्रा निकाली गई। जिसमें सैकड़ों श्रद्धालु सम्मिलित हुए। बुधवार को देवताओं के अभिषेक, विशेष पूजन एवं प्राण प्रतिष्ठा विधि सम्पन्न हुई। इसके उपरांत विशाल भंडारे का आयोजन हुआ। जिसमें हजारों श्रद्धालुओं ने प्रसाद पाकर पुण्य लाभ अर्जित किया। कार्यक्रम के प्रमुख यजमान सत्यप्रकाश अग्रवाल, लक्ष्मीनारायण अग्रवाल और उनकी पुत्रवधुएं मिथलेश व मोनिका अग्रवाल रहीं।
मंदिर परिसर में गूंजते रहे मंत्रोच्चार और शंखनाद
पूरे आयोजन के दौरान मंदिर परिसर भक्ति और श्रद्धा के रंग में सराबोर रहा। वैदिक मंत्रोच्चारए शंखनाद और घंटियों की ध्वनि से वातावरण गुंजायमान होता रहा। दूर-दूर से आए श्रद्धालुओं, संत-महात्माओं और धर्म प्रेमियों की उपस्थिति ने इस आयोजन को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया।
गंगा तट की विशेषता से और बढ़ा धार्मिक महत्व
मंदिर के मां गंगा नदी के पावन तट पर स्थित होने से इसकी पवित्रता और भी अधिक बढ़ गई है। श्रद्धालुओं का मानना है कि गंगा स्नान के साथ श्री राधाकृष्ण व अन्य देवी देवताओं के दर्शन का पुण्यफल कई गुना हो जाता है। इस कारण श्रद्धालु इसे गंगा तट का बांके बिहारी तीर्थ कहने लगे हैं।
कम्पिल को मिलेगा धार्मिक पर्यटन में नया स्थान
कम्पिल पहले से ही धार्मिक, ऐतिहासिक और पौराणिक दृष्टि से समृद्ध रहा है। ऋषि कपिल की तपोभूमि, सत्यव्रत राजा की गाथाएं और प्राचीन तीर्थस्थलों के कारण यह स्थान पहले से ही श्रद्धालुओं के लिए महत्वपूर्ण रहा है। अब श्री बांके बिहारी मंदिर के निर्माण से यह क्षेत्र धार्मिक पर्यटन के मानचित्र पर और मजबूती से उभरेगा।
स्थानीय लोगों ने जताई श्रद्धा और गौरव की भावना
स्थानीय लोगों ने इस आयोजन को कम्पिल की धार्मिक चेतना का नया अध्याय बताया। श्रद्धालु और ग्रामीणों का कहना है कि यह मंदिर क्षेत्र की सांस्कृतिक विरासत को सहेजने और आगे बढ़ाने का कार्य करेगा। मंदिर अब आने वाली पीढ़ियों के लिए भी भक्ति, सेवा और प्रेरणा का केंद्र बन चुका है।
इस दौरान भाजपा नेत्री मिथिलेश अग्रवाल, सांसद मुकेश राजपूत, क्षेत्रीय विधायक सुरभि, भाजपा जिलाध्यक्ष फतेह चंद्र वर्मा, एमएलसी प्रियांशु दत्त द्विवेदी, कुलदीप गंगवार, पुखराज डागा, किशनू चतुर्वेदी, लालन मिश्रा, निशांत गुप्ता, बबलू शुक्ला, ऋषभ गुप्ता आदि लोग मौजूद रहे।