कांग्रेस प्रत्याशी के समर्थन में नेहरु कैबिनेट के दर्जनों मंत्री आये थे फर्रुखाबाद
इंदिरा गांधी ने गल्ला मण्डी फतेहगढ़ में की थी सभा
(निशीत सक्सेना)
फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। देश में समाजवादी आंदोलन के बड़े नेता डा0 राममनोहर लोहिया पहली बार लोकसभा में फर्रुखाबाद से ही चुनाव जीतकर 1963 में पहुंचे थे। तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु की प्रतिष्ठा से जुड़े इस चुनाव में डा0 लोहिया ने नेहरु के खासमखास डा0 बालकृष्ण केशकर को 58.91 फीसद वोट पाकर शानदार जीत हासिल की है। उस दौर में कांगे्रस पार्टी का बोलबाल है जिसे भी कांगे्रस का टिकट मिला उसकी जीत लगभग पक्की समझी जाती है। दरअसल 1962 के लोकसभा चुनाव में कांगे्रस के पं0 मूलचन्द दुबे जीते थे। वह जवाहर के नवरत्नों में गिने जाते थे। 26 जनवरी 1963 को मूलचन्द की मृत्यु हो गयी थी। जिससे फर्रुखाबाद संसदीय सीट पर वाई इलेक्शन (उप चुनाव) हुआ तो सोसलिस्ट पार्टी से डा0 लोहिया ने नामांकन कर दिया। जवाहर लाल ने इस चुनाव को अपनी प्रतिष्ठा से जोड़ते हुए अपने खासमखास और मंत्री मंडल में सूचना प्रसारण मंत्री डा0 वीके केशकर को चुनाव में उतारा। डा0 लोहिया को जिन समाजवादियों ने चुनाव लड़ाया था उसमें प्रमुख रुप बाबा रामनाथ कटियार, भारत सिंह राठौर, नेता छविराम पान वाले, लक्षमण सिंह कुदेशिया, पं0 रामनाथ मिश्रा का नाम शामिल है। लोहिया के समर्थन में राजनारायन ने जन सम्पर्क किया। कांगे्रस प्रत्याशी डा0 बालकृष्ण केशकर के समर्थन में इंदिरा गांधी ने गल्लामण्डी फतेहगढ़ में चुनावी सभा को सम्बोधित किया था। इसके अलावा जवाहर लाल नेहरु की प्रतिष्ठा से यह चुनाव जड़ा होने के कारण नेहरु मंत्री मण्डल के दर्जनों मंत्री में कांग्रेस प्रत्याशी के समर्थन में फर्रुखाबाद आये थे। कांगे्रस प्रत्याशी को चुनाव की बागडोर मिर्जा अशरफ अली जौहर रहमानी, पं0 रामकृपाल मिश्रा, रामेश्वर सहाय सक्सेना, पं0 राज नारायन मिश्रा, पं0 जगदीश प्रसाद दुबे, पं0 शांति स्वरुप पाण्डेय आदि ने संभाली थी। पं0 विमल प्रसाद तिवारी, महरम सिंह, अवधेश सिंह राठौर, राजेन्द्र सिंह यादव जैसे बड़े कांगे्रसी नेता चुनावी रणनीति तैयार करते थे। लोहिया के समर्थन में मुलायम सिंह यादव ने भी सैफई से आकर कई बार जन सम्पर्क किया था।