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आजादी के 76 साल बाद भी हिन्दी भाषा के साथ दोयम दर्जे का सुलूक

फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला मंत्री राजकिशोर शुक्ल ने कहा कि सरकार की घोर उपेक्षा के चलते आजादी के 76 साल बाद भी हिन्दी भाषा उपेक्षित है। देश की संसद में खुलेआम अंग्रेजी बोलकर हमारे देश के नेता हिन्दी में बोलना तौहीन समझते हैं। हर वर्ष बैंकों में हिन्दी सप्ताह मनाया जाता है, लेकिन आज भी खाता खोलने के लिए भारी भरकम अंग्रेजी में फार्म भरना पड़ता है। देश की जनता को आज भी न्यायालय से अंग्रेजी भाषा में निर्णय दिया जाता है। अभी हाल ही में देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चिकित्सा क्षेत्र में हिन्दी माध्यम से पढ़ाई कराने के संकेत दिए जो स्वागत योग्य कदम है। एम0ए0 हिन्दी विषय से पास रसोईया कामिनी ने कहा हिन्दी हमारी एकता और अखंडता ही हमारे देश की पहचान है। हिंदुस्तानी हैं हम और हिन्दी हमारी जुबान है। हिन्दी विषय से परास्नातक शिक्षामित्र कमलेश राजपूत ने कहा हिन्दी भाषा, प्रेम की भाषा, हिन्दी है जन-जन की भाषा। विविधताओं से भरे में लगी भाषाओं की फुलवारी है। इनमें हमको सबसे प्यारी, हिन्दी राष्ट्र भाषा हमारी। सहायक अध्यापक योगेन्द्र कुमार ने हिन्दी की उपेक्षा के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल, बिन निज भाषा ज्ञान के, मिटत न हिय के सूल। सहायक अध्यापक आकाश पाल ने कहा कि सरकार को हिन्दी भाषा के उत्थान के प्रयास करने चाहिए। इस अवसर पर अनुज कुमार, सौरभ राजपूत, मयंक, कुमारी ज्योति, चालक अनुज, जयवीर उपस्थित रहे।

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