पांच हजार का लगाया गया जुर्माना
फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कक्ष संख्या-9 मेराज ने गैर इरादतन हत्या के मामले में बालकराम पुत्र स्व0 राधेश्याम को दोषी करार देते हुए चार वर्ष के कारावास एवं 5 हजार रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया है, जबकि मुकदमा विचारण के दौरान एक अभियुक्त की मौत हो गयी।
जानकारी के अनुसार ०9 फरवरी 2009 को कोतवाली कायमगंज के ग्राम नगला बसोला निवासी रामनरेश ने कोतवाली में दी गयी तहरीर में कहा था कि मेरी बेटी रामश्री प्रसाद चढ़ाने देवीजी के स्थान पर गयी थी। पास ही बालकराम के लडक़े ने लैट्रीन कर दी थी, तो मेरी लडक़ी ने विरोध किया। मेरी बेटी की बात सुनकर बालकराम की पत्नी राजबेटी घर से बाहर आ गयी। उसने मेरी बेटी से कहा कि लैट्रीन मेरे बच्चों ने की है तथा नाराज होकर मेरी बेटी रामश्री को गाली-गलौज करने लगी। मेरी बेटी ने राजबेटी से गाली-गलौज देने से मना किया। उसी समय बालकराम, बहादुर तथा राजबेटी ने आकर लडक़ी को मारना पीटना शुरू कर दिया। मेरी पत्नी ने मारपीट का उलाहना दिया तथा कहा कि मेरी बेटी को क्यों मारा। इसी बात पर बालकराम, बहादुर तथा राजबेटी ने क्रोधित होकर कहा कि आज तुम सबको मारेंगे तथा अपने हाथ में लिये लाठी-डण्डों से मुझे व मेरे पिता जवाहर तथा मेरी पत्नी सोमवती को मारपीट कर घायल कर दिया था। लाठी-डण्डों की चोटों से मैं व मेरे पिता जवाहर मेरी पत्नी घायल हो गयी थीं। मुल्जिमानो ने कहा कि थाने मे शिकायत की तो जान से मार डालेंगे। मैंने घटना की सूचना थाने पर दी थी। पुलिस ने डाक्टरी परीक्षण कराया था। मेरे पिता की ज्यादा तबियत खराब होने पर उन्हे लोहिया अस्पताल भेज दिया गया था। जहां पर उनका करीब १५ दिन इलाज चला। उसके बाद मेरे पिता की मृत्यु हो गयी। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया। विवेचक ने साक्ष्य गवाह के आधार पर बालकराम एवं बहादुर के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया। मुकदमा विचारण के दौरान बहादुर की मृत्यु हो गयी। बचाव पक्ष की दलील व शासकीय अधिवक्ता अखिलेश कुमार सिंह की पैरवी के आधार अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कक्ष संख्या-९ मेराज ने बालकराम को दोषी करार देते हुए चार वर्ष के कारावास व ५ हजार रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया है।
हत्या के मामले में अभियुक्त को चार वर्ष का कारावास
