समृद्धि न्यूज। अंतरिक्ष स्टेशन जाकर इतिहास रचने वाले भारतीय वायुसेना के गु्रप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की आज धरती पर वापसी होगी। शुभांशु और एक्सिओम-4 मिशन के उनके तीन साथी 10 मिनट की देरी से सोमवार (भारतीय समयानुसार) शाम 4:45 बजे अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से धरती के लिए रवाना हुए। अंतरिक्ष यात्रियों का यह दल लगभग 22:5 घंटे का सफर पूरा करने के बाद मंगलवार यानी आज दोपहर करीब 3 बजे (भारतीय समयानुसार) कैलिफोर्निया के समुद्री तट पर उतरेगा।
इसरो ने सोमवार को बताया कि अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने सभी सात सूक्ष्मगुरुत्व प्रयोगों और अन्य नियोजित गतिविधियों को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है, जिससे एक्सिओम-4 मिशन में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल हुई है। इसरो ने बताया कि टार्डिग्रेड्स के भारतीय स्ट्रेन, मायोजेनेसिस, मेथी और मूंग के बीजों का अंकुरण, साइनोबैक्टीरिया, सूक्ष्म शैवाल, फसल के बीज और वॉयेजर डिस्प्ले पर प्रयोग योजना के अनुसार पूरे हो गए हैं।
इसरो ने कहा कि शुभांशु शुक्ला ने विदाई समारोह में बोलते हुए, वैज्ञानिक अनुसंधान पोर्टफोलियोए संबंधित प्रोटोकॉल विकसित करने और राष्ट्रीय भागीदारी के साथ छात्र आउटरीच गतिविधियों को डिजाइन करने के लिए टीम इसरो के साथ-साथ अभियान 73 के चालक दल के सदस्यों को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद दिया।
आज होगी शुभांशु शुक्ला की वापसी
शुक्ला और एक्सिओम-4 मिशन के तीन अन्य अंतरिक्ष यात्रियों ने सोमवार को पृथ्वी की ओर अपनी वापसी यात्रा शुरू की, जब ड्रैगन ग्रेस अंतरिक्ष यान 18 दिनों के प्रवास के बाद अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से अनडॉक हो गया। अनडॉक होने के बाद कई कक्षीय प्रक्रियाओं के बाद, ड्रैगन अंतरिक्ष यान के मंगलवार को दोपहर 3:01 बजे भारतीय समयानुसार कैलिफोर्निया तट के पास उतरने की उम्मीद है।
परिवार को बेसब्री से इंतजार
शुभांशु के परिवार को उनकी धरती पर वापसी का बेसब्री से इंतजार है। शुभांशु के आने की सूचना से परिवार बेहद उत्साहित है और उनकी सकुशल वापसी के लिए प्रार्थना कर रहा है। वहीं, केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और अंतरिक्ष राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने सोशल मीडिया पर लिखा, शुभांशु आपका स्वागत है। पूरा देश आपके घर वापस आने का बेसब्री से इंतजार कर रहा है।
इसरो ने 550 करोड़ रुपये खर्च कर भेजा था अंतरिक्ष
इस मिशन के लिए इसरो ने लगभग 550 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। यह मिशन इसरो के मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम गगनयान के लिए मील का पत्थर माना जा रहा है, जिसे 2027 में लॉन्च किया जाना है। शुक्ला का यह अनुभव उस मिशन की तैयारी में बेहद उपयोगी साबित होगा।