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कश्मीरी पंडितों की करोड़ों की संपत्ति पर अवैध कब्जा, कीमत 25 हजार करोड़ से भी अधिक, कानून बनाने की मांग

वक्फ कानून पर मचे बवाल के बीच कश्मीर घाटी में एक हिंदू संगठन ने मांग की है कि कश्मीर में तस्वीरों के लिए भी इतनी ही जमीन पर एक बोर्ड बनाया जाए जो 800 से ज्यादा सिक्कों का संरक्षण कर सके. संगठन के अनुसार पिछले 35 सालों में मधेश्या पंडितों से जुड़ी करीब 25 हजार करोड़ की संपत्ति पर अवैध कब्जा हुआ है. कश्मीरी पंडित संघ समिति के अध्यक्ष संजय टिक्कू के अनुसार पीडीपी-कांग्रेस की सरकार ने 2003 में मंदिर संरक्षण बिल लेकर आई थी लेकिन बीजेपी ने तब इसका विरोध किया और बिल को कानून में नहीं बदला जा सका.

श्रीनगर: जम्मू कश्मीर में 1400 से अधिक मंदिरों की संपत्ति पर अवैध कब्जा है, जिसका मूल्य करीब 25000 करोड़ से अधिक है। ऐसे में जम्मू कश्मीर संघर्ष समिति ने वक्फ कानून की तरह कश्मीरी पंडितों की संपत्तियों को सुरक्षित करने के लिए एक विशेष कानून बनाने की मांग की है। संघर्ष समिति ने धमकी दी है कि अगर सरकार ने मांगें पूरी नहीं कीं तो उनके पास सुप्रीम कोर्ट जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा।

वक्फ विवाद के बीच, कश्मीरी पंडितों ने जम्मू-कश्मीर में हिंदू धार्मिक स्थलों की सुरक्षा के लिए विशेष कानून की मांग की है। संघर्ष समिति का कहना है कि 1990 के दशक से, जब हजारों आध्यात्मिक पंडितों ने कश्मीर छोड़ा, तो समुदाय के मंदिरों और धार्मिक भूमियों पर बड़े पैमाने पर कब्जा हो गया। 1,400 से अधिक हिंदू मंदिर और उनकी संपत्ति खतरे में हैं या नष्ट हो गई हैं।

संघर्ष समिति के अनुसार जिस मंदिर प्रॉपर्टी पर अवैध कब्ज़ा किया गया है, उन प्रॉपर्टी पर आज या तो बड़े शॉपिंग कॉम्प्लेक्स बन गए हैं या फिर वो मंदिर आज वीरान पड़े हैं। हमने श्रीनगर में कुछ ऐसे मंदिरों का दौरा किया, जहां संघर्ष समिति के अनुसार अवैध कब्जा किया गया है और कुछ मंदिरों की संपत्ति, मंदिर आज भी वीरान और खंडहरों की शक्ल में नजर आए।

संघर्ष समिति का यह भी आरोप है कि ये अतिक्रमण राजनीतिक सर्किट के साथ-साथ प्रशासन के समर्थन से हुआ है। अगर WAQF बिल जो पारित किया गया है, वह मुस्लिम समुदाय के लाभ के लिए है, उसी तर्ज पर हम एक सनातन बोर्ड चाहते हैं, जो पूरे भारत और कश्मीर में मंदिरों की सुरक्षा के लिए काम कर सके।

संजय टिक्कू ने कहा, “सनातन बोर्ड और वक्फ बोर्ड एक साथ मिलकर देश की अर्थव्यवस्था में जो बदलाव ला सकते हैं वह किसी ने सोचा नहीं होगा. देश पांच ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था नहीं पर सात ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बन जाए, इतने पैसे वाले मंदिर और मस्जिदों से आएगा”.

पीडीपी नेता समिति की इस मांग को ही गलत बता रही है. पीआईपी नेता और मठ मठो के लिए रिलीफ और पुनर्वास विभाग के मंत्री रहे सईद बशर बुखारी के अनुसार वक्फ अधिनियम मुसलमानों के विकास के लिए यह अभी भी स्पष्ट नहीं है.

बुखारी ने कहा, “उनको किसने कहा कि वक्फ एक्ट से मुसलमानों को फ़ायदा होगा. अभी सरकार की व्यवस्था पर ही सवाल उठ रहा है, यह पता नहीं चला है कि वक्फ एक्ट से मुसलमानों को फ़ायदा होगा या उस पर सरकार का कब्ज़ा होगा.”

संजय टिक्कू का कहना है कि जब तक 31 दिसंबर 1989 तक सभी स्थापित नहीं हो गए, तब तक सभी 1900 मंदिर और उनसे जुड़े लगभग हजार करोड़ की महिमा वापस नहीं लाई गई, वह 31 दिसंबर 1999 तक स्थापित नहीं हुए.

संघर्ष समिति के अनुसार, श्रीनगर में कब्जा की गई हिंदू संपत्तियों में ये मंदिर शामिल हैं-

  1. आनंदीश्वर भैरव मंदिर, मैसुमा
  2. गौरी शंकर मंदिर, बरबर शाह, श्रीनगर
  3. नरसिंग मंदिर, एक्सचेंज रोड
  4. बाबा धरम दास मंदिर
  5. काली मंदिर, गुरुद्वारा के पास, लाल चौक
  6. खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के परिसर में शिव मंदिर
  7. अहमदा कदल में पवित्र झरना

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