हरदोई के राजेश कुमार को इनकम टैक्स विभाग ने भेजा 26 करोड़ का नोटिस

उत्तर प्रदेश के जनपद हरदोई में पाली थाना क्षेत्र के अतरजी गांव के निवासी राजेश कुमार को आयकर विभाग ने 26 करोड़ रुपये का नोटिस भेजा है. नोटिस में कहा गया है कि हरियाणा और महाराष्ट्र (पुणे) में उनके नाम पर दो कंपनियां चल रही हैं, जिन पर टैक्स बकाया है. यह सुनकर राजेश कुमार हैरान रह गए. राजेश कुमार दिल्ली की एक मोबाइल कंपनी में 2022 से 15 हजार रुपये महीने की तनख्वाह पर काम कर रहे हैं. इससे पहले भी वह दो अन्य निजी कंपनियों में नौकरी कर चुके हैं. राजेश ने बताया कि दो अप्रैल को उनके गांव के पते पर आयकर विभाग से एक नोटिस आया, जिसमें 25.97 करोड़ रुपये टैक्स बकाया होने की बात लिखी थी. वह उस समय दिल्ली में थे. परिजनों ने नोटिस गांव के अन्य लोगों को दिखाया और फिर इसका फोटो उन्हें व्हाट्सएप किया.

हरदोई: यूपी के हरदोई से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक प्राइवेट नौकरी करने वाले शख्स को इनकम टैक्स विभाग ने 26 करोड़ रुपए का नोटिस भेजा है। इस नोटिस के मिलने के बाद शख्स का परिवार परेशान है और इनकम टैक्स विभाग के चक्कर काट रहा है।

तहसील शाहाबाद के पाली थाना क्षेत्र के अतरजी गांव निवासी एक निजी कर्मचारी को आयकर विभाग की ओर से 26 करोड़ रुपये का नोटिस भेजा गया है। नोटिस में उसके नाम पर हरियाणा और महाराष्ट्र (पुणे) में दो कंपनियां संचालित होने की बात कही गई है, जिन पर टैक्स बकाया बताया गया है। यह जानकारी मिलते ही पीड़ित राजेश कुमार के होश उड़ गए और अब पीड़ित आयकर विभाग के चक्कर लगाने को मजबूर है।

दरअसल  राजेश कुमार दिल्ली की एक मोबाइल कंपनी में 2022 से 15 हजार रुपये महीने की तनख्वाह पर काम कर रहा है। इससे पहले भी वह दो अन्य निजी कंपनियों में नौकरी कर चुका है। राजेश ने बताया कि दो अप्रैल को उसके गांव के पते पर आयकर विभाग से एक नोटिस आया, जिसमें 25.97 करोड़ रुपये टैक्स बकाया होने की बात लिखी गई थी। वह उस समय दिल्ली में था।

परिजनों ने नोटिस गांव के अन्य लोगों को दिखाया और फिर इसका फोटो उसे व्हाट्सएप किया। राजेश के अनुसार, यह नोटिस हरदोई इनकम टैक्स कार्यालय से 18 मार्च को जारी किया गया था और 27 मार्च तक जवाब मांगा गया था। नोटिस मिलने के बाद राजेश छह अप्रैल को गांव आया और हरदोई स्थित आयकर विभाग के अधिकारियों से मिलकर अपनी स्थिति स्पष्ट की।

दस्तावेज के गलत इस्तेमाल का आरोप

पीड़ित का आरोप है कि उनके आधार कार्ड और अन्य दस्तावेजों का गलत इस्तेमाल कर उनके नाम से फर्जी कंपनियां खोली गई हैं. उन्होंने अधिकारियों से पूरी जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. राजेश के मुताबिक, जब वह तीनों कंपनियों में काम कर रहे थे, तब दस्तावेज जमा कराए गए थे, वहीं से उनके डाटा का दुरुपयोग हो सकता है.

विभाग जांच में जुटा

फिलहाल आयकर विभाग मामले की जांच में जुटा है. पीड़ित को उम्मीद है कि जल्द ही उन्हें इस भारी भरकम टैक्स नोटिस से राहत मिलेगी. राजेश की शादी 2019 में अप्रैल में हुई थी और तीन महीने बाद वह दिल्ली गए थे. उसी समय उन्होंने दिल्ली में कई कंपनियों में इंटरव्यू दिया और दस्तावेज जमा किए. कोविड के दौरान वह घर आए थे और लॉकडाउन के बाद फिर दिल्ली में जाकर तीन अलग-अलग कंपनियों में काम किया. राजेश चार भाइयों में तीसरे नंबर पर हैं, जिनमें से दो भाई विकलांग हैं. उनके पिता के नाम पर 3 बीघा सरकारी पट्टा है और एक पुश्तैनी जमीन है. बड़ा भाई पाली में एक दुकान पर नौकरी करता है, दूसरा भाई उपदेश विकलांग है, तीसरा राजेश और चौथा भाई रावेश बिजली के करंट से विकलांग हो गया था.

 

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