पाकिस्तान को पीओके करना होगा खाली
समृद्धि न्यूज। भारत पाकिस्तान संघर्ष विराम को लेकर विदेश मंत्रालय ने प्रेस वार्ता की। इस दौरान संघर्ष विराम में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता को लेकर विदेश मंत्रालय ने कहा कि कश्मीर पर हमें मध्यस्थता मंजूर नहीं है। पाकिस्तान को पीओके खाली करना होगा। उन्होंने ट्रंप के दावे को नकारते हुए कहा कि ऑपरेशन सिंदूर शुरू होने से लेकर 10 मई को गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई बंद करने की सहमति तक, भारतीय और अमेरिकी नेताओं के बीच उभरते सैन्य हालात पर बातचीत हुई। इनमें से किसी भी चर्चा में व्यापार का मुद्दा नहीं उठा।
VIDEO | Addressing a presser, MEA spokesperson Randhir Jaiswal (@MEAIndia) categorically says, "From the time of #OperationSindoor, commenced on 7th May, till the understanding on the cessation of firing and military action on 10th May, there were conversations between Indian… pic.twitter.com/gvOEV9wvGV
— Press Trust of India (@PTI_News) May 13, 2025
पाकिस्तान की गोली का जवाब गोली से देंगे
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि पाकिस्तान की गोली का जवाब गोली से देंगे। पाकिस्तान हमले रोकेगा तो भारत भी रोकेगा। पाक जितनी जल्दी समझे उसकी उसी में भलाई है।
कश्मीर पर तीसरे देश का दखल मंजूर नहीं
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि जहां तक कश्मीर की बात है। हमारा लंबे समय से यही रुख रहा है कि भारतीय केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर से संबंधित किसी भी मुद्दे को भारत और पाकिस्तान मिलकर सुलझाएंगे। किसी तीसरे देश का इसमें दखल बिल्कुल भी मंजूर नहीं है। अब अगर बातचीत होनी है तो सिर्फ पीओके पर होनी है, जो पाकिस्तान के कब्जे में है। सिर्फ वही मसला अब बचा हुआ है। पाकिस्तान को पीओके खाली करना ही होगा।
परमाणु युद्ध की अटकलों पर विदेश मंत्रालय कहा?
विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत का मिलिट्री एक्शन कन्वेंशनल था। कुछ रिपोट्र्स में कहा गया था कि पाकिस्तान की नेशनल कमांड अथॉरिटी 10 मई को बैठक करेगी, लेकिन बाद में उन्होंने इसका खंडन किया। पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने खुद रिकॉर्ड पर परमाणु पर बैठक होने से इनकार किया। हमारा रुख साफ है कि हम न्यूक्लियर ब्लैकमेल के आगे नहीं झुकने वाले हैं। हम इसके नाम पर आतंक का अड्डा चलाने की अनुमति नहीं देंगे। दुनियाभर के देशों से बातचीत में भी हमने इसे साफ कर दिया है।
तुर्किए की गतिविधियों को किया नोट
भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच तुर्किए ने पाक सेना को समर्थन दिया था और वैश्विक मंचों पर भी पाकिस्तान के साथ खड़ा दिखा था। इसे लेकर ने विदेश मंत्रालय ने कहा कि हमने तुर्किए की गतिविधियों को भी दर्ज किया है।