जम्मू-कश्मीर के फिरोजपुर में स्थित भारत-पाक सीमा पर एक भारतीय सीमा सुरक्षा बल का जवान गलती से पाकिस्तान की सीमा में चला गया। जिसके बाद पाकिस्तानी रेंजर्स ने उन्हें पकड़ लिया और हिरासत में ले लिया, लेकिन 36 घंटे से अधिक समय बीत जाने के बाद भी भारतीय सैनिक को नहीं छोड़ा गया।
बीएसएफ जवान उस दिन किसानों की निगरानी कर रहे थे, जो सीमा के पास कंटीली तार के दूसरी तरफ फसल काट रहे थे। बीएसएफ जवान आम तौर पर किसानों के साथ रहते हैं और इन्हें गार्ड कहा जाता है। कंटीली तार जीरो लाइन से पहले लगी होती है, जबकि जीरो लाइन पर केवल पिलर होते हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, निगरानी के दौरान जवान गर्मी के कारण वह एक पेड़ की छांव में बैठने के लिए गलती से पाकिस्तान की सीमा में चला गया,जहां पाक रेंजर्स ने उन्हें देख लिया और तुरंत उन्हें हिरासत में ले लिया। पाकिस्तानी रेंजर्स ने उन्हें पकड़ा और उनका हथियार भी कब्जे में ले लिया। बीएसएफ अधिकारी इस घटना के बाद तुरंत सीमा पर पहुंचे और जवान को छुड़वाने के लिए पाक रेंजर्स के साथ फ्लैग मीटिंग की प्रक्रिया शुरू की। यह मीटिंग देर रात तक जारी रही। 36 घंटे से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी पाक आर्मी ने भारतीय सैनिक को नहीं छोड़ा है। जिसके चलते तनाव में और बढ़ गया है।
जवान की पहचान कांस्टेबल पीके सिंह के रुप में
पीडि़त जवान की पहचान कांस्टेबल पीके सिंह के रूप में हुई है, जो बीएसएफ की 182वीं बटालियन के सदस्य हैं। वह उस टुकड़ी का हिस्सा थे जिसे जीरो लाइन के निकट गेट नंबर 208/1 के पास स्थित खेतों में काम कर रहे भारतीय किसानों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तैनात किया गया था। यह क्षेत्र अंतरराष्ट्रीय सीमा के बिल्कुल करीब है, जहाँ किसानों को विशेष अनुमति के तहत अपनी कृषि गतिविधियों को संचालित करने की छूट मिलती है और बीएसएफ जवानए जिन्हें स्थानीय रूप से किसान गार्ड के तौर पर भी जाना जाता है। उनकी निगरानी करते हैं।
घटनाक्रम के अनुसार, कांस्टेबल पीके सिंह अपनी वर्दी और आधिकारिक सर्विस राइफल के साथ ड्यूटी पर थे। तेज गर्मी से कुछ राहत पाने के लिए वे एक पेड़ की छांव में चले गए। दुर्भाग्यवश, इस दौरान वे अनजाने में सीमा की शून्य रेखा को पार कर गए और पाकिस्तानी क्षेत्र में प्रवेश कर गए। जिसके तुरंत बादए सीमा पर तैनात पाकिस्तानी रेंजर्स ने उन्हें हिरासत में ले लिया और उनके हथियार को जब्त कर लिया।