इटावा, समृद्धि न्यूज। सीबीएसई पूर्वी ज़ोनल जूडो चैम्पियनशिप 2025 का दूसरा दिन भी ऊर्जा, उत्साह और उत्कृष्टता से भरपूर रहा। इटावा के प्रतिष्ठित एमनीव विजन स्कूल के हॉल में गूंजती तालियों और खिलाड़ियों के आत्मविश्वास से भरे प्रदर्शन ने दर्शकों को रोमांचित कर दिया। खिलाड़ियों की आंखों में सपना था — पदक जीतने का, गौरव कमाने का, और अपने विद्यालय का नाम ऊँचाई तक पहुँचाने का।
सबसे अधिक चर्चा में रहा एमजीएम बोकारो, जिसने अब तक कुल 17 पदकों (6 स्वर्ण, 4 रजत, 7 कांस्य) के साथ तालिका में पहला स्थान हासिल किया। कोच राजीव कुमार सिंह के मार्गदर्शन में टीम ने अनुशासन और निरंतरता का जबरदस्त परिचय दिया। वहीं ओपन माइंड्स स्कूल, दानापुर (पटना) ने भी 4 स्वर्ण, 4 रजत और 4 कांस्य पदक जीतकर कुल 12 पदकों के साथ अपनी ताकत दिखाई। कोच राहुल कुमार यादव की टीम संतुलित और आक्रामक रणनीति के लिए सराही गई।रेडियंट सेंट्रल अकादमी, जलालपुर (अंबेडकर नगर) ने 4 स्वर्ण और 6 कांस्य के साथ कुल 10 पदकों के दम पर मजबूती से अपनी उपस्थिति दर्ज कराई, जबकि जीजीएस पब्लिक स्कूल, सेक्टर-5B और ग्रिज़ली विद्यालय, कोडरमा ने भी प्रभावशाली प्रदर्शन करते हुए क्रमशः 6 और 10 पदक अर्जित किए।
मेज़बान एमनीव विजन स्कूल, इटावा ने 1 रजत और 6 कांस्य पदकों के साथ कुल 7 पदकों का योगदान दिया। कोच राजीव कुमार के निर्देशन में विद्यार्थियों ने अनुशासित और प्रेरणादायक प्रदर्शन किया। विशेष रूप से विद्यालय की छात्रा अम्बी मौर्या ने अपने रजत पदक से सबका ध्यान खींचा और स्थानीय प्रतिभाओं के लिए एक आदर्श बनकर उभरीं।
इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य पंकज शर्मा ने कहा, ” छात्रों ने यह सिद्ध कर दिया कि अनुशासन, समर्पण और निरंतर अभ्यास से कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है।” प्रतियोगिता को देखने पहुंचे पानकुंवर इंटरनेशनल स्कूल, इटावा के चेयरमैन डॉ. कैलाश चंद्र यादव ने खिलाड़ियों के प्रदर्शन की सराहना करते हुए कहा, “इन बच्चों का उत्साह और आत्मविश्वास देखकर लगता है कि भविष्य के राष्ट्रीय चैंपियन यहीं से निकलेंगे।”
कुछ नए विद्यालयों ने भी पदक सूची में प्रवेश किया और सकारात्मक शुरुआत की, जिनमें डीपीएस रांची, सीएस डीएवी पब्लिक स्कूल, मोतिहारी, रामदूत इंटरनेशनल स्कूल, और अरिस्टोटल वर्ल्ड स्कूल शामिल हैं।
स्कूल हॉल की हर तालियाँ, हर थ्रो की गूंज और हर विजयी मुस्कान यही कहती है — “यह सिर्फ प्रतियोगिता नहीं, यह जुनून, मेहनत और सपनों की उड़ान है।”
जैसे-जैसे मुकाबले आगे बढ़ रहे हैं, खेल भावना, समर्पण और उत्साह भी नई ऊँचाइयों तक पहुँच रहा है।
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