हाथरस भगदड़ मामले की जांच के लिए राज्य सरकार ने न्यायिक आयोग का गठन कर दिया है। यह आयोग दो महीने में राज्य सरकार को अपनी जांच रिपोर्ट देगा। इस रिपोर्ट के आधार पर सरकार जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई करेगी।
जस्टिस बृजेश श्रीवास्तव अध्यक्ष
न्यायिक आयोग का गठन हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्ष में किया गया है। हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस बृजेश श्रीवास्तव इस न्यायिक जांच आयोग के अध्यक्ष होंगे। इस आयोग में बृजेश श्रीवास्तव के अवाला रिटायर्ड आईएएस हेमंत राव और रिटायर्ड आईपीएस भवेश कुमार बतौर सदस्य होंगे। यह आयोग दो महीने के अंदर अपनी रिपोर्ट देगा।
अनुयायी कभी भी उनके पैर नहीं छूते
हाथरस में मंगलवार को आयोजित सत्संग में मची भगदड़ में 120 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। वहीं इस हादसे पर प्रवचनकर्ता नारायण साकार हरि के वकील ने बुधवार को दावा किया कि अनुयायी कभी भी उनके पैर नहीं छूते हैं। उन्होंने इस भगदड़ के पीछे कुछ असामाजिक तत्वों का हाथ होने का संदेह जताया है। नारायण साकार हरि के वकील एपी सिंह ने कहा कि मंगलवार की भगदड़ की जांच कर रहे राज्य प्रशासन और पुलिस के साथ सहयोग करने के लिए भी वे तैयार हैं। उन्होंने पूरे मामले की जांच की मांग की है।
असामाजिक तत्वों ने रची साजिश
शुरुआती सरकारी रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भगदड़ तब मची जब बड़ी संख्या में अनुयायी प्रवचनकर्ता भोले बाबा को करीब से देखने और उनके ‘चरण रज’इकट्ठा करने के लिए उनके पास पहुंचे जिनमें अधिकतर महिलाएं थीं। वहीं वकील एपी सिंह ने दावा किया, ‘‘कुछ असामाजिक तत्वों ने साजिश रची। जब नारायण साकार हरि कार्यक्रम स्थल से चले गए, उनके वाहन चले गए, तो हमारे स्वयंसेवक और अनुयायी साजिश के कारण यह समझने में विफल रहे कि क्या हो रहा है। यह एक योजना के तहत किया गया था और इसकी जांच होनी चाहिए।’’
एपी सिंह ने कहा ‘‘नारायण साकार हरि के पैर उनके अनुयायी कभी नहीं छूते। ‘चरण रज’ का उल्लेख भी झूठा है। इस तरह के कृत्य का कभी कोई वीडियो या तस्वीर नहीं है।’’ सिंह ने कहा कि वह बाबा भोले और सिकंदराराऊ थाना क्षेत्र के पुलराई गांव में आयोजित ‘सत्संग’ के मुख्य आयोजक का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। भगदड़ के सिलसिले में दर्ज प्राथमिकी में प्रवचनकर्ता का नाम आरोपी के तौर पर नहीं है। अगले कानूनी कदम के बारे में सिंह ने कहा, ‘‘हम घटनास्थल का दौरा करेंगे, अन्य कारकों पर विचार करेंगे और उसके अनुसार निर्णय लेंगे।