फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। तिहरे हत्याकांड में विशेष अदालत ईसी एक्ट के न्यायाधीश राकेश कुमार ने दो दोस्तों को मृत्युदंड की सजा सुनाई थी तथा 1.30 लाख रुपये का जुर्माना किया था। इस मुकदमे में एक आरोपी साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त किया गया था। दोनों अभियुक्तों ने उच्च न्यायालय में अपील दायर की थी। जिस पर सुनवाई के दौरान दोनों अभियुक्तों को बरी कर दिया गया।
शहर कोतवाली के मोहल्ला छावनी निवासी मोहम्मद कलीम की पत्नी यासमीन, मां नूरजहां और बहन नसरीन की 25 जुलाई 2007 की रात गोली व टकोरा मारकर हत्या कर दी गई थी। जिसमें कलीम भी घायल हो गया था। मोहल्ला घोड़ा नखास निवासी कलीम के चचेरे भाई शकील ने अज्ञात में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस जांच में कलीम ने ही अपने दोस्त के साथ मिलकर मां, बहन और पत्नी की हत्या करने का मामला सामने आया। पुलिस ने कलीम, खटकपुरा निवासी दोस्त शकील पुत्र कादिर, मोहल्ला चोबदारान निवासी लल्लन उर्फ लल्ला के खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया था। कलीम व शकील की निशानदेही पर कलीम के घर से तमंचा और बांका बरामद हुआ था। मुकदमे की सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष के वकील व सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता तेज सिंह राजपूत, हरनाथ सिंह, राजीव भगोलीवाल, अखिलेश कुमार राजपूत ने दलीलें पेश कीं। सुनवाई पूरी होने पर न्यायाधीश ने 13 अक्तूबर को लल्लन उर्फ लल्ला को मुकदमे से दोषमुक्त कर दिया था। कलीम व शकील को हत्या में दोषी पाया था। दोनों को हिरासत में लेकर जेल भेजा था। न्यायाधीश ने दोषसिद्ध कलीम व शकील को मृत्यु दंड की सजा सुनाई थी। निर्णय में कहा कि दोनों को गर्दन से तब तक लटकाया जाए जब तक उनकी मृत्यु न हो जाए। मृत्युदंड की सजा तब तक नहीं दी जाएगी। जब तक उच्च न्यायालय से सजा की पुष्टि नहीं हो जाती है। दोनों अभियुक्तों ने उच्च न्यायालय में अपील दायर की थी। जिस पर सुनवाई के दौरान दोनों अभियुक्तों को बरी कर दिया गया।