अपहरण में तीन अभियुक्तों को दस वर्ष का सश्रम कारावास

फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। मेला श्रीरामनगरिया में प्रसाद बेचने की दुकान लगाए युवक का बदमाशों ने 26 साल पहले अपहरण कर लिया था। इस मामले में जिला एवं सत्र न्यायाधीश विनय कुमार ने तीन बदमाशों को दोषी करार देते हुए दस वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है।
जिला शासकीय अधिवक्ता सुदेश प्रताप सिंह ने बताया कि अमृतपुर थाना क्षेत्र के गांव आसमपुर वली पट्टी निवासी रामदयाल ने सात फरवरी 1998 को मुकदमा दर्ज कराया गया था। जिसमें कहा गया था कि उनका पुत्र रामऔतार उर्फ कल्लू पांचाल घाट पर मेला श्रीरामनगरिया में प्रसाद बेचने की दुकान लगाए था। उसके साथ रात में गांव के ही शेर सिंह यादव व गुरुदयाल सो रहे थे। 20 जनवरी 1998 की देर रात 10-11 बदमाश आए और रामऔतार का अपहरण कर ले गए। दूसरे दिन उन्हें घटना की जानकारी हुई। इस पर उन्होंने खोजबीन की। पुलिस ने कटरी क्षेत्र में कई दिनों तक तलाशी अभियान चलाया। बदमाशों के चंगुल से उनके पुत्र को मुक्त करा लिया। पुलिस ने अमृतपुर क्षेत्र निवासी रामप्रताप, रामपाल, नरवीर, रामप्रकाश, देशराज, मनोहर, सोनपाल, भूरा पुत्र गंगाराम, भूरा पुत्र फूलन, शंभू व राकेश के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया। न्यायाधीश ने अपहरण में भूरा पुत्र फूलन, रामप्रताप व सोनपाल को दोषी करार दिया गया है। मुकदमा विचारण के दौरान रामपाल, नरवीर, रामप्रकाश, देशराज व मनोहर की मौत हो गयी। अभियुक्त भूरा पुत्र गंगाराम व शंभू को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया। एक अन्य आरोपित राकेश की पत्रावली की अलग सुनवाई चल रही है। अभियुक्त भूरा पुत्र फूलन, रामप्रताप व सोनपाल को दस वर्ष का सश्रम कारावास एवं दस हजार रुपया अर्थदण्ड से दण्डित किया है। अर्थदण्ड अदा न करने पर अभियुक्तगण छह माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। अभियुक्तगणों की इस केस में जेल में बितायी गयी अवधि सजा में समायोजित की जायेगी।

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