फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। आम के पेड़ की खुदाई की रंजिश को लेकर मारपीट व आगजनी की घटना को अंजाम देने वाले लोगों को अपर जिला जज प्रथम विष्णु चन्द्र वैश्य ने संतोष कुमार उर्फ भूरे, कमल, अरुण पुत्रगण श्रीराम निवासीगण बदरेपुर बहोरिकपुर को दोषी करार दिया है।
बीते लगभग 41 वर्ष पूर्व राघुनन्दन लाल पुत्र रामचरन निवासी बदरेपुर बहोरिकपुर ने थाना जहानगंज पुलिस को दी गयी तहरीर में बताया कि मेरे आम के पेड़ में खुरपी से संतोष कुमार 14 फरवरी 1983 को शाम लगभग 6 बजे गड्डा खोद रहे थे। मेरे मना करने पर संतोष गाली गलौच करने लगा। इस बात को सुनकर श्रीराम, अरुण कुमार, ओमजी, कमल कुमार, शिवशंकर, मंगूलाल, विश्वनाथ, प्रेमनाथ इक_े होकर मेरे ऊपर लाठियां चलाने लगे। जिससे मैं भाग खड़ा हुआ और अपने दरवाजे पर आ गया। उपरोक्त सभी लोग पीछा करते हुए मुझे व मेरी पत्नी और पुत्र को लाठियों से पीटने लगे। मैं परिवार के साथ घर के अंदर घुस गया। उक्त लोगों ने घर में आग लगा दी और घर जलने लगा। मैं अपनी जान बचाकर परिवार के साथ घर के बाहर निकल आया। मौके पर गॉव के लोग आ गये। थाना पुलिस ने तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया। विवेचक ने साक्ष्य गवाह के आधार पर न्यायलाय में आरोप पत्र दाखिल कर दिया। बचाव पक्ष की दलील व शासकीय अधिवक्ता अनिल कुमार बाजपेयी, दीपिका कटियार की कुशल पैरवी के आधार पर न्यायाधीश विष्णु चंद्र वैश्य ने संतोष उर्फ भूरे को आगजनी मारपीट, बलवा के मामले 6 वर्ष का कारावास 57 हजार रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया। कमल, अरुण को मारपीट और बलवा के मामले दो-दो वर्ष का कारवास, 17-१७ हजार रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया। मुकदमा न्यायालय में विचारण के समय श्रीराम, शिवशंकर, मंगूलाल, प्रेमनाथ की मृत्यु हो गयी। ओमजी की पत्रावली किशोर न्यायालय में, जबकि विश्वनाथ की पत्रावली पृथक हो गयी।
बलवा, आगजनी और मारपीट के मामले में तीन सगे भाइयों को सजा
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