कर्नाटक के बेंगलुरु में 23 दिन पहले हुए महालक्ष्मी हत्याकांड में अब एक बड़ा अपडेट सामने आया है. जहां पुलिस को लग रहा था कि उन्होंने मामले को सुलझा लिया है. वहीं, अब नया एंगल सामने आया है. कातिल मुक्ति रंजन रॉय के सुसाइड करने के बाद अब उसकी मां सामने आई है. कातिल की मां ने बताया कि उसका बेटा महालक्ष्मी को बहुत प्यार करती था. लेकिन महालक्ष्मी उसे ब्लैकमेल कर रही थी. वो उसे किडनैपिंग के झूठे केस में फंसाने की धमकी देती थी. इसी बात से मुक्ति रंजन डिप्रेशन में जाने लगा था. डिप्रेशन के कारण ही मुक्ति ने सुसाइड किया होगा.बंगलूरू में महालक्ष्मी हत्याकांड के मुख्य आरोपी मुक्ति राजन प्रताप रे ने आत्महत्या कर ली है। पुलिस के मुताबिक, पकड़े जाने के डर से आरोपी ने यह कदम उठाया। आरोपी ने बुधवार को ओडिशा में खुदकुशी कर ली। पिछले दिनों बंगलूरू में दिल्ली जैसा श्रद्धा मर्डर केस जैसा मामला सामने आया था। बंगलूरू में रहने वाली महिला महालक्ष्मी की बेरहमी से हत्या कर दी गई और उसे 50 से ज्यादा टुकड़ों में काटकर फ्रीजर में भर दिया गया। कर्नाटक पुलिस की कई टीमें महालक्ष्मी की हत्या की सभी पहलुओं की जांच कर रही हैं। बंगलूरू में शनिवार (21 सितंबर) को एक भयावह हत्याकांड का मामला सामने आया। वायलिकावल में दिल्ली में श्रद्धा वाकर की हत्या की तर्ज पर 29 वर्षीय महिला महालक्ष्मी की बेरहमी से हत्या कर दी गई। यहां विनायक लेआउट इलाके के एक घर में हत्याकांड को अंजाम दिया गया। उनके शरीर के टुकड़े कर एक रेफ्रिजरेटर के अंदर भरे हुए मिले थे। महालक्ष्मी का क्षत-विक्षत शव उनकी मां और बड़ी बहन ने घर में पाया। महालक्ष्मी की एक बहन अपने जुड़वां बेटों के साथ एक ही इमारत में अलग-अलग घरों में रहती थीं। महालक्ष्मी अपने पति हेमंत दास से अलग हो गई थीं और अक्तूबर 2023 से इस इलाके में रह रही थीं। बताया गया कि मुक्ति राजन डरकर ओडिशा के भद्रक जिले में अपने गांव भाग आया था। स्थानीय धुसुरी पुलिस थाने के एसएचओ शांतनु कुमार जेना ने बताया कि पुलिस की शुरुआती जांच से पता चला है कि मृतक घबराहट की स्थिति में था। मुक्ति राजन का शव सुबह धुसुरी पुलिस स्टेशन के अंतर्गत भुईनपुर गांव में एक पेड़ से लटका मिला। घटनास्थल उसके घर से करीब 2.5 से 3 किलोमीटर दूर था। एसएचओ ने कहा कि पुलिस की जांच से पता चला है कि मृतक बुधवार सुबह करीब 4 बजे स्कूटर पर बिना किसी को बताए अपने घर से निकल गया था। उसके परिवार को सुबह करीब 7 बजे उसकी मौत के बारे में पता चला और उन्होंने पुलिस को सुबह 8.30 बजे जानकारी दी। जब पुलिस घटनास्थल पर पहुंची तो उन्होंने कपड़ों से भरा एक बैग, मुक्ति राजन के पिता के नाम पर पंजीकृत एक काले रंग की गाड़ी और एक कथित सुसाइड नोट बरामद किया। अधिकारी ने कहा कि यह एक तरह का कबूलनामा था।
हेमंत-अशरफ पर शक
लेकिन कातिल का कुछ भी पता नहीं था. पुलिस ने जांच शुरू की तो पहले महालक्ष्मी के पति हेमंत पर शक हुआ. उसके बाद अशरफ नामक शख्स पर भी शक की सुई घूमी. लेकिन दोनों का ही इस केस से कोई लेना देना नहीं था. पुलिस को जब इसकी पुष्टि हुई तो जांच का दायरा और बढ़ाया गया. दिन-रात एक करके जांच को बारीकी से किया जाने लगा. पुलिस की ये मेहनत रंग लाई और कातिल का पता लग गया. कातिल का नाम मुक्ति रंजन रॉय था. वह महालक्ष्मी के साथ ही एक दुकान में काम करता था. पुलिस ने मुक्ति की लोकेशन ट्रेस की. पता चला कि वो तो ओडिशा में है. जैसे ही पुलिस ओडिशा के भद्रक जिले में पहुंची तो 25 सितंबर को एक और चौंकाने वाली खबर सामने आई. पता चला मुक्ति का शव धुसुरी के कब्रिस्तान में पेड़ से लटका मिला है. पुलिस को उसके पास से सुसाइड नोट भी मिला. उसमें हिंदी, उड़िया और इंग्लिश में कुछ बातें लिखीं थीं.
मुक्ति का सुसाइड नोट
मुक्ति ने सुसाइड नोट में लिखा था- मैंने 3 सितंबर को महालक्ष्मी की हत्या कर दी थी. उस दिन मैं महालक्ष्मी के घर गया था. हमारी किसी बात पर बहस हुई. तब महालक्ष्मी ने मुझपर हमला कर दिया. यह बात मुझे पसंद नहीं आई और गुस्से में मैंने उसे मार डाला. फिर मैंने उसकी लाश के 59 टुकड़े किए और उन्हें फ्रिज में डालकर वहां से भाग गया. मैंने कमरा साफ करने की कोशिश भी की थी ताकि लोगों को बदबू न आए. महालक्ष्मी का व्यवहार मुझे बिल्कुल भी पसंद नहीं था. मुझे बाद में हत्या का पछतावा जरूर हुआ. क्योंकि गुस्से में मैंने जो कुछ भी किया वो गलत था. मैं डर गया था इसलिए यहां भाग आया. उसने ये भी लिखा, ‘मैं उसे पसंद करता था, मैं उसे प्यार करता था, लेकिन उसका व्यवहार मेरे लिए ठीक नहीं था. वो मुझे किडनैपिंग केस में फंसाने की धमकी देती थी. मैंने उस पर काफी पैसा भी खर्च किया. लेकिन फिर भी वह मेरे साथ ऐसा कर रही थी.’
अब इस केस में मुक्ति मां ने कई चौंकाने वाली बातें और बताई हैं. उन्होंने कहा- मुक्ति रंजन और महालक्ष्मी एक दुकान में काम करते थे. यहां दोनों की मुलाकात हुई और वे दोस्त बन गए. दोनों के बीच संबंध थे. महालक्ष्मी मुक्ति रंजन पर शादी करने का दबाव बना रही थी. दोनों की बीच इस मुद्दे पर लगातार बहस होती थी. इस बात से नाराज होकर मुक्तिरंजन ने महालक्ष्मी की हत्या कर डाली और लाश के टुकड़े-टुकड़े कर दिए. फिर खुद भी सुसाइड कर लिया.