130 करोड़ की लागत से तैयार किया गया
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज की सरकार विज्ञान, प्रौद्योगिकी और अनुसंधान को प्राथमिकता दे रही है. मिशन गगनयान की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं और 2035 तक हमारे पास अपना अंतरिक्ष स्टेशन होगा. सुपरकंप्यूटिंग प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए तैयारी की गई है.
भारत आज टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में तेजी से ग्रोथ कर रहा है। इस दिशा में आज देश ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज देश को सुपर कंप्यूटर समर्पित किए। इन सुपर कंप्यूटर का नाम ‘परम रुद्र’ रखा गया है। कहने को तो ये एक कंप्यूटर ही हैं लेकिन ये सामान्य कंप्यूटर से पूरी तरह से अलग हैं। पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इन 3 सुपर कंप्यूटर समर्पित किए। देश को मिले ये 3 परम रुद्र सुपर कंप्यूटर पर्यावरण, जलवायु समेत दूसरे कई सारे क्षेत्रों में बड़े मददगार साबित होने वाले हैं। सुपर कंप्यूटर सामान्य कंप्यूटर से हजारों गुना तेज काम करते हैं। देश को मिले इन तीनों सुपर कंप्यूटर की ताकत और परफॉर्मेंस का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि जो काम सामान्य कंप्यूटर 500 साल में कर सकते हैं वही काम ये परम रुद्र सुपर कंप्यूटर मिनटों में कर सकते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिन 3 परम रुद्र सुपर कंप्यूटर्स को भारत को समर्पित किया है उन्हें कुल 130 करोड़ की लागत से तैयार किया गया है। इन कंप्यूटर को पुणे, दिल्ली और कोलकाता में लगाया जाएगा। परम रुद्र कंप्यूटर को पुणे में मीटर रेडियो टेलीस्कोप (GMRT) की सर्विस के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। यह खगोलीय घटनाओं की खोज पर अध्ययन करेगा। दूसरे परम रुद्र कंप्यूटर का दिल्ली में इंटर यूनिवर्सिटी एक्सेलेरेटर सेंटर में इसका उपयोग पदार्थ विज्ञान और परमाणु भौतिकी के क्षेत्र में जानकारी हासिल करने के लिए किया जाएगा। परम रुद्र सुपर कंप्यूटर एक साथ इतनी बड़ी मात्रा में डेटा को प्रॉसेस कर सकते हैं जितना कई सारे साधारण कंप्यूटर मिलकर भी नहीं कर सकते। इन सुपर कंप्यूटर का काम सामान्य तौर पर वैज्ञानिक और अनुसंधान कार्यो में किया जाता है। इसके अतिरिक्त खगोलीय घटानाओं, प्राकृतिक घटनाओं की जानकारी का पता लगाने के लिए भी इनका इस्तेमाल किया जाता है।
राष्ट्रीय क्वांटम मिशन की बड़ी भूमिका
उन्होंने कहा- क्वांटम कंप्यूटिंग जैसी प्रौद्योगिकी में भारत अभी से अग्रणी हो रहा है. इस क्षेत्र में भारत को आगे ले जाने में राष्ट्रीय क्वांटम मिशन की बड़ी भूमिका होगी. यह नई प्रौद्योगिकी आने वाले समय में हमारी दुनिया को पूरी तरह से बदल देने वाली है. इससे आईटी क्षेत्र, विनिर्माण, उद्योग, एमएसएमई और स्टार्टअप क्षेत्र में अभूतपूर्व बदलाव आएंगे और नए अवसर बनेंगे. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मिशन गगनयान की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. 2035 तक हमारे पास अपना अंतरिक्ष स्टेशन होगा.परियोजना के पहले चरण को मंजूरी दी गई है. प्रधानमंत्री पहले पुणे से इन परियोजनाओं का उद्घाटन करने वाले थे लेकिन महाराष्ट्र में भारी बारिश की वजह से उनका दौरा रद्द हो गया.
भारत को आत्मनिर्भर बनाने का अभियान
पीएमओ के अनुसार सुपरकंप्यूटिंग प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने की प्रतिबद्धता के अनुरूप तीन परम रुद्र सुपरकंप्यूटर तैयार किए गए हैं. इन सुपरकंप्यूटरों को अग्रणी वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए पुणे, दिल्ली और कोलकाता में लगाया गया है. पुणे में विशाल मीटर रेडियो टेलीस्कोप (जीएमआरटी), फास्ट रेडियो बर्स्ट (एफआरबी) और अन्य खगोलीय घटनाओं का पता लगाने के लिए सुपरकंप्यूटर का इस्तेमाल किया जाएगा.
विज्ञान की सार्थकता वंचितों तक पहुंचे
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि विज्ञान की सार्थकता केवल आविष्कार और विकास में नहीं, बल्कि सबसे अंतिम व्यक्ति की आशा, आकांक्षाओं को पूरा करने में है. आज अगर हम हाइटेक हो रहे हैं तो ये भी सुनिश्चित कर रहे हैं कि हमारी हाइटेक प्रौद्योगिकी गरीबों की ताकत बने. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि एक समय सुपर कंप्यूटर में गिने-चुने देशों की महारत मानी जाती थी. हमने 2015 में नेशनल सुपर कंप्यूटिंग मिशन शुरू किया और आज भारत सुपर कंप्यूटर की दिशा में बड़े देशों की बराबरी कर रहा है। हम यहीं रुकने वाले नहीं हैं.