पटना में BPSC अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज और वाटर कैनन से बौछार, आज बिहार बंद का ऐलान

बिहार के पटना में रविवार का दिन बीपीएससी 70वीं परीक्षा को लेकर काफी गर्मागर्मी भरा रहा. परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों पर पुलिस ने लाठी चार्ज के साथ कड़कड़ाती ठंड में वाटर कैनन चार्ज भी किया. जिसमें कई छात्र घायल भी हो गए. प्रतियोगी छात्र मुख्यमंत्री से मिलने पर अड़े रहे. धरना स्थल पर छात्रों का समर्थन करने जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर भी पहुंचे. जिसके बाद छात्र उग्र हो गए. हालांकि लाठी चार्ज से पहले वह वहां से निकल गए.

बिहार लोक सेवा आयोग की 70वीं संयुक्त परीक्षा को अभ्यर्थी रद्द करने की मांग कर रहे हैं. रविवार को पुलिस ने अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज कर दिया. अब इस मामले में सियासत भी गरमा गई है. राजद और वाम दल ने BPSC अभ्यर्थियों पर पुलिस की लाठीचार्ज का विरोध जताते हुए नीतीश सरकार पर निशाना साधा है. वहीं, इस मामले में वाम दल माले ने आज पूरे बिहार में चक्का जाम करने का ऐलान किया है. माले ने कहा है कि अभ्यर्थियों के समर्थन में 30 दिसंबर को संपूर्ण बिहार में चक्का जाम किया जाएगा. रेल परिचालन को भी रोका जाएगा. बिहार बंद का समर्थन छात्र संगठन AISA और RYA ने भी किया है. रविवार को अभ्यर्थियों और पुलिस के बीच झड़प भी देखने को मिली. अभ्यर्थियों पर पुलिस ने लाठीचार्ज करते हुए पानी की बौछार का प्रयोग किया.

“ठंड में पानी की बौछार”

वहीं, इस मामले को लेकर राजनीति भी गरमाई हुई है. पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने जन सुराज पार्टी के प्रमुख प्रशांत किशोर पर छात्र आंदोलन को भटकाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि 70 वीं BPSC परीक्षा के अभ्यर्थियों पर पुलिस से लाठीचार्ज कराया. उन पर ठंड में पानी की बौछार की गई. तेजस्वी ने कहा कि इस मामले में नॉर्मलाइजेशन को लेकर हमने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी चिट्ठी लिखी, लेकिन उनकी ओर से कोई जवाब नहीं आया. फिर अभ्यर्थियों ने आंदोलन किया तो उन्हें पीटा गया. डीएम ने भी उन्हें थप्पड़ मारा और हाथापाई हुई.

नहीं मिली थी प्रदर्शन की इजाजत

बता दें कि जिला प्रशासन ने शनिवार को पत्र जारी कर प्रदर्शन पर रोक लगा दी थी. इसके बावजूद प्रशांत किशोर के नेतृत्व में हजारों अभ्यर्थी गांधी प्रतिमा के पास पहुंच गए और विरोध प्रदर्शन करने लगे. इसके बाद शाम करीब 5 बजे प्रशांत किशोर उन अभ्यर्थियों को लेकर गांधी मैदान से आगे निकल गए और मुख्यमंत्री आवास तक मार्च निकाला. प्रशासन ने उन्हें रोकने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया था.

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