कायमगंज, समृद्धि न्यूज। मंडी सचिव ने प्रभारी अधिकारी जन सुनवाई फर्रुखाबाद को भेजे गये पत्र में कहा है कि वित्त नियंत्रक राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद लखनऊ के कार्यालय पत्रांक लेखा/सम्परीक्षा/2024-288 दिनांक 15.05.2024 द्वारा वित्तीय वर्ष 2015-16 से 2022-23 तक (विशिष्ट) विभागीय सम्प्रीक्षा मंडी समिति कायमगंज में हुयी। जिसमें अशोक कुमार सिंह सहायक लेखा परीक्षा अधिकारी द्वारा अजय राठौर चपरासी कृषि उत्पादन मंडी समिति कायमगंज के कार्यालय में की गयीं अनियमितताओं धनराशि रुपया 1,10,42,774.00 की देयता प्रदर्शित की गयी है। जिसके अनुपालन हेतु अजय राठौर चपरासी को इस समिति कार्यालय पत्रांक 79 व 204 दिनांक 25.05.2024 व 19.09.2024 द्वारा स्पष्टीकरण जवाब देने हेतु पत्र प्रेषित किये गये हैं। जिसके जवाब में दिनांक 31.05.2024 द्वारा बिना किसी तथ्य/साक्ष्य के जवाब प्रेषित किया गया है। उक्त के संदर्भ में जांच कर कार्यवाही करने के संबंध में संबंधित मंडी समिति को अवगत कराने की कृपा करें। उक्त के संबंध में जिलाधिकारी को दिनांक 23.12.2024 को भी अवगत कराया जा चुका है।
शासन से करायेंगे उच्च स्तरीय जांच, कई और घोटाले होंगे उजागर: विमल कटियार
फर्रुखाबाद। उत्तर प्रदेश आलू विकास एवं विपणन सहकारी संघ के सभापति विमल कटियार ने बताया कि शासन स्तर से उच्च स्तरीय जांच करायेंगे। कई और घोटाले उजागर होंगे। दोषी चांहे कितनी भी पहुंच वाले हों, उनके खिलाफ कार्यवाही होगी। कृषि उत्पादन मण्डी समिति कायमगंज में करोड़ों रुपये के हुए घोटाले में अभी तक जिलाधिकारी से लेकर शासन स्तर तक कई बार शिकायत की गई। आरोपी चपरासी अजय राठौर को जांच कराकर दोषी तो घोषित कर दिया गया, लेकिन अभी तक उसके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गई। मामले को दबाने के उद्देश्य से उसका स्थानातंरण कायमगंज से कमालगंज और फिर फर्रुखाबाद मण्डी में कर दिया गया। शिकायतकर्ता सुनील कुमार ने हमारे संवाददाता को बताया कि वर्ष २०१४ में कायमगंज मण्डी में तैनात चपरासी अजय राठौर ने 1 करोड़ 1042734 रुपये के सरकारी धन का गवन किया। मेरी शिकायत पर जांच हुई और जांच में उसे इतनी धनराशि गवन करने का दोषी पाया गया, लेकिन उस पर किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं हुई। जिससे उसके हौसले बुलंद है। उसने गवन के साथ चार बुक रसीदों को भी बेंच दिया। वहीं इस संदर्भ में उत्तर प्रदेश आलू विकास एवं विपणन सहकारी संघ के अध्यक्ष विमल कटियार ने बताया कि यह बेहद गंभीर मामला है। करोड़ों रुपयों का घोटाला करने वाले चपरासी के विरुद्ध अभी तक न तो मुकदमा विभाग की ओर से दर्ज कराया गया और न ही उसे सस्पेंड किया गया। जिससे जांच प्रभावित हो रही है। कुछ विभागीय अधिकारियों की चपरासी की सांठगांठ होने के चलते इतने वर्ष बीत जाने के बाद भी आज तक उस पर किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं हुई। उन्होंने कहा कि संबंधित मंत्री के सामने पूरा मामला रखकर इसकी उच्च स्तरीय जांच करायेंगे और भी घोटाले सामने की आने की उन्होंने संभावना जताते हुए कहा कि आरोपी चपरासी के साथ जो भी विभागीय लोग इसमें सम्मलित होंगे सभी के खिलाफ कार्यवाही करायी जायेगी। बताते चले कि आरोपी अजय राठौर मृतक आश्रित में चपरासी के पद पर लगा था। खाऊ-कमाऊ नीति के चलते बिना शासन की अनुमति के चपरासी को प्रधान लिपिक का चार्ज दे दिया गया। इस संदर्भ में जिलाधिकारी से भी बात करनी चाहीं तो कार्यालय बाबू ने बताया कि मामला संज्ञान में है। जब पूछा गया कि कार्यवाही अभी क्यों नहीं हुई तो संतोष जबाव नहीं दिया।