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17 महीने बाद जेल से बाहर आएंगे मनीष सिसोदिया

दिल्ली आबकारी नीति मामले में ‘सुप्रीम’ जमानत

दिल्ली शराब घोटाला से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मनीष सिसोदिया को बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी है. सिसोदिया को पिछले साल फरवरी में गिरफ्तार किया गया था और वो उसके बाद से ही लगातार जेल में हैं. शीर्ष अदालत ने 10-10 लाख के बेल बॉन्ड पर सिसोदिया को जमानत दी है. अब वो जेल से बाहर आ जाएंगे सिसोदिया को पासपोर्ट सरेंडर करना होगा. प्रत्येक सोमवार को आईओ को रिपोर्ट करनी होगी. गवाह को प्रभावित करने का प्रयास नहीं करेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने ED की ट्रायल कोर्ट भेजने की मांग को खारिज कर दिया. शीर्ष अदालत ने कहा कि ट्रायल कोर्ट और हाईकोर्ट को यह समझना चाहिए कि जमानत नियम है और जेल अपवाद है. बिना ट्रायल पूरा किए किसी को जेल में रखकर सजा नहीं दी जा सकती है.

ये ऐतिहासिक फैसला है- सिसोदिया के वकील

जमानत मिलने के बाद मनीष सिसोदिया के वकील ऋषिकेश कुमार ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने मनीष सिसोदिया को जमानत दी है. ये ऐतिहासिक फैसला है. मनीष सिसोदिया 17 महीने की जेल काट चुके हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जैसा ईडी ने कहा था कि ये ट्रायल 6-8 महीने में खत्म हो जाएगा, वो होता नहीं दिख रहा. ईडी के आरोप को खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मनीष सिसोदिया ने ट्रायल में देरी नहीं की.

क्या है मामला
बता दें कि सिसोदिया को रद्द हो चुकी दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 बनाने, इसके कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं में संलिप्तता के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। पहले 26 फरवरी, 2023 को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने गिरफ्तार किया था। बाद में कई अलग-अलग आरोपों के तहत प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने भी सिसोदिया पर शिकंजा कसा। उन्होंने 28 फरवरी 2023 को दिल्ली कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया। सिसोदिया ने यह कहते हुए जमानत मांगी थी कि वह 17 महीने से हिरासत में हैं और उनके खिलाफ मुकदमा अभी तक शुरू नहीं हुआ है। ईडी और सीबीआई ने उनकी जमानत याचिकाओं का विरोध किया था।

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