समृद्धि न्यूज। ईरान के कई शहरों में एक ही दिन एक साथ धमाके हुए। कुछ शहर ऐसे हैं जहां ईरान के परमाणु संयंत्र हैं। रिपोर्ट है कि कुछ जगहों पर ईरान को अपने एयर डिफेंस सिस्टम भी एक्टिवेट करने पड़े। धमाके एक पैटर्न में हुए, हालांकि ईरान ने सबसे पहले धमाके का कारण गैस लीक बताया है, लेकिन पहले धमाके के बाद ही इजराइल ने फारसी में सोशल मीडिया पोस्ट किया। इसके बाद रहस्यमयी धमाकों का पूरा मामला संदेह से भरा नजर आने लगा।
सबसे पहला धमाका ईरान के कोम शहर में हुआ। इस धमाके में एक हाउसिंग कॉम्प्लेक्स तबाह हो गया। ईरान ने कहा कि कोम में हुए धमाके की वजह गैस रिसाव है। कोम के साथ साथ ईरान के दूसरे शहरों से धमाकों की रिपोर्ट और तस्वीरें आने लगीं। तेहरान के खतम अल अनबिया में आग लगी। मशहाद के एक अपार्टमेंट में धमाके के बाद आग लग गई। तबरीज में धमाकों के बाद ईरान को एयर डिफेंस सिस्टम एक्टिवेट करने पड़े।
वहीं ईरान स्थित भारतीय दूतावास ने बुधवार को एक यात्रा परामर्श जारी किया। जिसमें भारतीय नागरिकों से ईरान की अनावश्यक यात्रा से बचने का आग्रह किया गया है। यह परामर्श पिछले कई हफ्तों में क्षेत्र में बढ़ती सुरक्षा चिंताओं के बीच जारी किया गया है। भारतीय दूतावास ने एक्स पर कहा, पिछले कई हफ़्तों में सुरक्षा संबंधी घटनाक्रमों को देखते हुए, भारतीय नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे ईरान की अनावश्यक यात्रा करने से पहले मौजूदा स्थिति पर ध्यानपूर्वक विचार करें। इसके अलावा, दूतावास ने क्षेत्रीय घटनाक्रमों पर नजर रखने और भारतीय अधिकारियों द्वारा जारी नवीनतम परामर्शों का पालन करने की भी सलाह दी। जो भारतीय नागरिक पहले से ही ईरान में हैं और वहां से जाने के इच्छुक हैं, वे अभी उपलब्ध व्यावसायिक उड़ान और नौका सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं।
are also advised to continue to monitor the latest regional developments and follow updated advisories issued by the Indian authorities. Indian nationals already in Iran, and interested in leaving, may avail the commercial flight and ferry options which are available right now.”
ईरान में धमाकों का सिलसिला
तबरीज के बाद करज में धमाके हुए और आग लगी। धमाकों का सिलसिला ईरान में चल निकला। ईरान ने कोम धमाके का कारण गैस रिसाव बताया और इस बयान के बाद इजराइल के विदेश मंत्रालय ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर लिखा कि क्या ये बेहतर नहीं होता कि ईरान दिवालिया आतंकी संगठनों को करोड़ों डॉलर देने के बजाय अपनी गैस पाइपलाइन की मरम्मत कर लेता।