इंसाफ दिलाने में मील का पत्थर साबित होगा नया कानून

थाना प्रभारी की अध्यक्षता में की गयी जागरुकता गोष्ठी
अमृतपुर, समृद्धि न्यूज। थाना अमृतपुर में नये कानून के संबंध में लोगों को जागरुक करने के लिए थाना प्रभारी मीनेश पचौरी की अध्यक्षता में जागरूकता गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें अमृतपुर क्षेत्र के सभी संभ्रांत प्रधानों व अन्य लोगों को नए कानून की विस्तार से जानकारी दी गई। सभी ग्राम प्रधानों को अपने-अपने गांव में नए कानून हेतु लोगों को जागरूक करने के आदेश दिए गए। नए कानून की जानकारी देने के लिए पुलिस ने पंपलेट बाँटे। भारतीय दंड संहिता सी.आर.पी.सी. में 484 धाराएं थीं, जबकि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में 531 धाराएं हैं। इसमें इलेक्ट्रॉनिक तरीके से ऑडियो-वीडियो के जरिए साक्ष्य जुटाने को अहमियत दी गई है। नए कानून में किसी भी अपराध के लिए अधिकतम सजा काट चुके कैदियों को प्राइवेट बॉन्ड पर रिहा करने की व्यवस्था है। कोई भी नागरिक अपराध होने पर किसी भी थाने में जीरो एफआईआर दर्ज करा सकेगा। इसे 15 दिन के अंदर मूल जूरिडिक्शन, यानी जहां अपराध हुआ है वाले क्षेत्र में भेजना होगा।
सरकारी अधिकारी या पुलिस अधिकारी के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए संबंधित अथॉरिटी 120 दिनों के अंदर अनुमति देगी। यदि इजाजत नहीं दी गई तो उसे भी सेक्शन माना जाएगा। एफआईआर दर्ज होने के 90 दिनों के अंदर आरोप पत्र दायर करना जरूरी होगा। चार्जशीट दाखिल होने के बाद 60 दिन के अंदर अदालत को आरोप तय करने होंगे। केस की सुनवाई पूरी होने के 30 दिन के अंदर अदालत को फैसला देना होगा। इसके बाद सात दिनों में फैसले की कॉपी उपलब्ध करानी होगी। हिरासत में लिए गए व्यक्ति के बारे में पुलिस को उसके परिवार को ऑनलाइन, ऑफलाइन सूचना देने के साथ-साथ लिखित जानकारी भी देनी होगी। महिलाओं के मामलों में पुलिस को थाने में यदि कोई महिला सिपाही है, तो उसकी मौजूदगी में पीडि़त महिला का बयान दर्ज करना होगा।177 प्रावधानों में संशोधन किया गया है।इसके अलावा 14 धाराएं हटा दी गई हैं। इसमें 9 नई धाराएं और कुल 39 उप धाराएं जोड़ी गई हैं। अब इसके तहत ट्रायल के दौरान गवाहों के बयान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दर्ज हो सकेंगे। सन 2027 से पहले देश के सारे कोर्ट कम्प्यूरीकृत कर दिए जाएंगे।

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