मैनपुरी, समृद्धि न्यूज। शस्त्र लाइसेंस के आवेदकों की सत्यापन संबंधी फाइल पर अब थाना पुलिस सिर्फ अपनी रिपोर्ट देगी। वर्तमान में प्रचलित उस मुहर का इस्तेमाल नहीं करेगी, जिसमें संस्तुति का उल्लेख है। इन सभी मुहर को भी बदलने का आदेश एसपी सिटी अरुण कुमार सिंह ने दिया है।
एसपी सिटी अरुण कुमार ने बताया कि थाने से आने वाली आख्या रिपोर्ट पर एक मुहर कई फाइलों पर लगी पाई गई है, जिसमें शस्त्र देने की संस्तुति है। यह गलत है। पुलिस सिर्फ अपनी रिपोर्ट प्रशासन को प्रेषित करती है। डीएम का विशेषाधिकार है कि वह आवेदक को लाइसेंस दें या न दें। पुलिस संस्तुति नहीं करेगी। सिर्फ अपनी रिपोर्ट देगी। उक्त रिपोर्ट में आवेदक के खिलाफ कोई मुकदमा है या नहीं, इसका उल्लेख होगा। इसके अलावा अगर कोई मुकदमा दर्ज है तो उसका पूरा विवरण दिया जाएगा। वहीं, अगर आवेदक कोई धमकी मिली हो, जो पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज हो तो उसका भी उल्लेख किया जाएगा। एसपी सिटी अरुण कुमार सिंह ने कड़ा रुख अपनाते हुए सभी थानेदारों को चेताया है कि शस्त्र लाइसेंस के लिए पुलिस सत्यापन के लिए आने वाली फाइलों में सिर्फ आवेदक का ही सत्यापन कर रिपोर्ट देने तक सीमित न रहे। बल्कि आवेदक के परिवार के सदस्यों की स्थिति के बारे में भी स्पष्ट उल्लेख रिपोर्ट में करें। उन्होंने बताया कि 2019 में एक शासनादेश आया था, जिसमें उल्लेख था कि शस्त्र आवेदनकर्ता ही नहीं, परिवार के किसी भी सदस्य के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमे दर्ज होंगे तो उनकी फाइलें निरस्त कर दी जाएंगी।
वर्ष 2019 में आया था शासनादेश
एसपी सिटी अरुण कुमार सिंह ने कड़ा रुख अपनाते हुए सभी थानेदारों को चेताया है कि शस्त्र लाइसेंस के लिए पुलिस सत्यापन के लिए आने वाली फाइलों में सिर्फ आवेदक का ही सत्यापन कर रिपोर्ट देने तक सीमित न रहे। बल्कि आवेदक के परिवार के सदस्यों की स्थिति के बारे में भी स्पष्ट उल्लेख रिपोर्ट में करें। उन्होंने बताया कि 2019 में एक शासनादेश आया था, जिसमें उल्लेख था कि शस्त्र आवेदनकर्ता ही नहीं, परिवार के किसी भी सदस्य के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमे दर्ज होंगे तो उनकी फाइलें निरस्त कर दी जाएंगी।