अटेवा ऑन लाइन उपस्थिति का करता है विरोध
फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। सरकार पिछले 70 सालों में सब जगह सडक़, बिजली व पानी नहीं पहुंचा पायी और शिक्षकों से चाहते है कि वह तुरन्त डिजिटल हो जाये। अटेवा ऑन लाइन उपस्थिति का विरोध करता है। अटेवा के प्रांतीय संगठन मंत्री ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी ने बैठक कर ऑन लाइन उपस्थिति का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि ऑन लाइन हाजिरी पूरी तरह अव्यावहारिक है। इसके लिए हम संघर्ष करते रहेगें। उन्होंने सभी संघों से अपील करते हुए कहा कि इसका विरोध होना चाहिए। क्योंकि आम शिक्षकों के लिए जानलेवा साबित होगी। यह व्यवस्था मानसिक दबाव में भागता हुआ शिक्षक जाता है तो दुर्घटना का शिकार हो जायेगा, इसका जिम्मेदार कौन होगा। सरकार विभाग या तानाशाह फरमान। ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी ने साफ कहा कि शिक्षक कोई मशीन नहीं है जो संवेदनाओं से भरा हुआ भावनाओं में चलने वाला बच्चों के लिए खाली दीमाग में तमाम मानवीय गुणों को पिरोने वाला है। इसके लिए यह व्यवस्था लागू नहीं होनी चाहिए। अटेवा सभी शिक्षा संगठनों से अपील करता है कि शिक्षक हित में विरोध जारी रहेगा और एक साथ शिक्षकों के साथ खड़े होकर इस तानाशाह फरमान को वापस करने के लिए जरुरत पड़ी तो आंदोलन करेगा। शोषण के खिलाफ मुखर होइए, दो कदम हिम्मत दिखाइए, अपने वर्तमान और भविष्य के लिए एकजुट होकर शिक्षक इस तानाशाही फरमान को धिक्कार करते हुए संगठन व शिक्षक शक्ति को मजबूत बनाये। इस मौके पर राकेश प्रसाद, विजेन्द्र मथुरिया, देवेन्द्र कुमार, महाराज सिंह, हिमांशु शुक्ला आदि शिक्षक मौजूद रहे।
ऑन लाइन हाजिरी पूरी अव्यावहारिक: ज्ञानप्रकाश त्रिपाठी
