अपनों से मिलकर छलक आए परिजनों के आंसू
समृद्धि न्यूज। इजराइल और ईरान के बीच चल रहे युद्ध को देखते हुए वहां रह रहे हजारों भारतीयों को सुरक्षित घर वापसी के लिए भारत सरकार ने ऑपरेशन सिंधु की शुरुआत की है। ईरान से भारत लाए जा रहे छात्रों का पहला जत्था गुरुवार को सुबह भारत पहुंचा। पहले जत्थे में 100 से ज्यादा छात्र शामिल हैं। विदेश मंत्रालय ने कहा, विदेशों में रह रहे भारतीय नागरिकों की सुरक्षा सरकार की पहली प्राथमिकता है। ईरान में 4,000 से अधिक भारतीय नागरिक रह रहे हैं और उनमें से आधे छात्र हैं। उत्तरी ईरान से 110 छात्रों को सुरक्षित आर्मेनिया पहुंचा दिया गया था।
ईरान और इजरायल के बीच में जारी जंग लगातार भीषण होती जा रही है। इजरायल जहां ईरान में राजधानी तेहरान, न्यूक्लियर साइट और सैन्य ठिकानों को टारगेट कर रहा है। वहीं ईरान भी इजरायल में सैन्य ठिकानों को तबाह करने में लगा है। जंग के बीच हजारों भारतीय ईरान और इजरायल में फंसे हुए हैं। अकेले ईरान में ही 10 हजार से ज्यादा भारतीय फंसे हैं जिनमें आधे से ज्यादा स्टूडेंट्स हैं। भारत सरकार ने युद्ध के बीच से भारतीयों को निकालने के लिए ऑपरेशन सिंधु लॉन्च किया है।
#WATCH दिल्ली: ईरान से 110 भारतीय नागरिकों को लेकर विमान दिल्ली पहुंचा।
ईरान से भारत पहुंची मरियम रोज़ ने बताया, "भारतीय दूतावास ने हमारे लिए सब कुछ तैयार रखा था। हमें ज्यादा समस्या नहीं हुई। हम तीन दिन से सफर कर रहे हैं इसलिए थक गए हैं…" pic.twitter.com/jgYlF0OAIK
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 19, 2025
ऑपरेशन सिंधु के तहत गुरुवार को ईरान से 110 छात्रों का गु्रप दिल्ली पहुंच चुका है। इन छात्रों को आर्मेनिया के रास्ते भारत लाया गया है। इंडिगो एयरलाइंस की फ्लाइट देर रात 3 बजकर 43 मिनट पर दिल्ली लैंड हुई। इन 110 छात्रों में 94 जम्मू-कश्मीर से हैं, जबकि 16 लोग अन्य 6 राज्यों से है। ईरान से लौटने वाले छात्रों में 54 लड़कियां भी शामिल हैं। सकुशल देश वापस आने के बाद इन छात्रों के चेहरे पर खुशी का साफ झलक रही थी।
भारत लौटीं छात्र बोली: मिसाइलें सिर के ऊपर से गुजरती थीं
ईरान में बिगड़ते हालात के बीच वहां फंसे 110 भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकालकर भारत लाया गया। सभी को लेकर एक विशेष फ्लाइट दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरी। इन लोगों में शामिल यासिर गफ्फार नाम के छात्र ने बताया कि हमने रात में मिसाइलों को ऊपर से जाते देखा और ज़ोरदार धमाकों की आवाजें सुनीं। डर का माहौल था, लेकिन अब भारत पहुंचकर राहत मिली है।