छापेमारी के दौरान बिहार पुलिस के ASI की पीट-पीटकर हत्या, अनमोल यादव को पकड़ने गई थी पुलिस

बिहार के अररिया में इस बार एक पुलिसकर्मी को पीट-पीट कर मार दिए जाने की खबर सामने आ रही है। प्राथमिक सूचना में बताया जा रहा है कि छापेमारी के दौरान उनपर यह हमला हुआ। मृतक असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर राजीव रंजन थे। अररिया एसपी अंजनी कुमार ने मौत की पुष्टि करते हुए कहा कि बुधवार की रात यह घटना हुई। पोस्टमार्टम के बाद मौत की असल वजह सामने आएगी, लेकिन उन्होंने कहा कि छापेमारी के दौरान उनसे हाथापाई हुई थी और गिर जाने पर चोट से मौत की जानकारी है। 

बिहार के अररिया में एक एएसआई की मौत हो गई है. बीते बुधवार (12 मार्च, 2025) की रात फुलकाहा थाने की पुलिस की टीम एक बदमाश को पकड़ने के लिए निकली थी. मृतक एएसआई का नाम राजीव है. वे फुलकाहा थाने में पदस्थापित थे. शुरुआती खबर आई थी कि पीट-पीटकर उनकी हत्या की गई है. हालांकि आधिकारिक तौर पर इसे खारिज कर दिया गया है. एएसआई राजीव के मुंगेर के रहने वाले थे. इस घटना के सामने आने के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया. शव को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल में  रखा गया है. खुद एसपी अंजनी कुमार सदर अस्पताल पहुंचे. उन्होंने एएसआई राजीव मल्ल के शव को देखा.

एसपी अंजनी कुमार ने क्या कहा?

अररिया के एसपी अंजनी कुमार ने बताया कि पीट-पीटकर हत्या की बात नहीं है. फुलकाहा थाना क्षेत्र में लक्ष्मीपुर पंचायत है. एक अपराधी अनमोल यादव है जो नरपतगंज का रहने वाला है. उसके आने की सूचना थी. उसी सूचना पर फुलकाहा थानाध्यक्ष के नेतृत्व में पुलिस रात में छापेमारी करने के लिए गई थी. एसपी ने कहा कि छापेमारी के दौरान अनमोल यादव को पकड़ भी लिया गया था. पकड़ने के बाद ग्रामीण जो उसके सहयोगी थे वे जुट गए. वे लोग जबरदस्ती छुड़ा ले गए. इसी क्रम में पुलिस से धक्का-मुक्की हुई. एएसआई राजीव अचेत अवस्था में होकर गिर गए. तत्काल अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी मौत हो गई.

सीतामढ़ी में भी पुलिस की टीम पर हुआ हमला

बता दें कि बीते बुधवार की शाम ही बिहार के सीतामढ़ी में भी पुलिस की टीम पर हमला हुआ था. सीतामढ़ी के परसौनी थाना के भुल्ली गांव में शराब बिक्री की सूचना पर पुलिस छापेमारी के लिए गई थी. इस दौरान पुलिस पर हमला कर दिया गया. हमले में एक पुलिसकर्मी भी घायल हुआ था. पुलिस का वाहन भी क्षतिग्रस्त हुआ था. शीशे टूट गए थे. इसी से समझा जा सकता है कि शराब के धंधेबाज किस तरह बेखौफ होकर अवैध कारोबार में जुटे हैं.

शराब के मामले में सबसे ज्यादा मुठभेड़

बिहार के अररिया में यह घटना अपराध के किसी मामले में वारंटी को गिरफ्तार करने गई पुलिस के साथ हुई है। पिछले कुछ वर्षों में सबसे ज्यादा पुलिस पर हमले शराब तस्करों की गिरफ्तारी के प्रयास के दौरान हुई है। शराब तस्करों को रोकने के प्रयास में थानाध्यक्ष तक की हत्याएं हो चुकी हैं। हिट एंड रन जैसे केस भी कई बार सामने आ चुके हैं। राजधानी पटना तक में ऐसा कई बार हो चुका है। हत्या और बड़े वारदातों के दबंग आरोपियों की गिरफ्तारी के दौरान भी ऐसी घटनाएं हो रही हैं। नए डीजीपी विनय कुमार इस मामले में लगातार सख्ती दिखा रहे हैं और ऐसी कई घटनाओं के बाद पुलिस की ज्यादा बड़ी कार्रवाई भी सामने आ चुकी है।

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