बसंत पंचमी पर वैदिक क्षेत्र में निकाली गई शोभायात्रा

यात्रा में साधु-संतों ने लिया भाग, दिखाये गये करतब
फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। बसंत पंचमी पर मेला रामनगरिया के वैदिक क्षेत्र चरित्र निर्माण शिविर से आर्य समाज के 150वें स्थापना दिवस के अवसर पर जिला आर्य प्रतिनिधि सभा के तत्वावधान में विशाल शोभायात्रा निकाली गयी। जिसमें बड़ी की संख्या में आर्य समाज के कार्यकर्ताओं ने भाग लेकर महर्षि दयानंद सरस्वती को याद कर उनके बताए वेद मार्ग पर चलने का संकल्प लिया। यात्रा में सबसे आगे आर्य समाज का बैनर लेकर गुरुकुल के ब्रह्मचारी चल रहे थे उनके पीछे तमाम साधु सन्यासी और उनके पीछे महिला श्रद्धालुओं के हाथों में ओम के झंडों से सारा वातावरण भगवामय लग रहा था। वैदिक धर्म के जय के नारों के बीच मे महापुरुषों व गंगा मईया की जयजयकार करते श्रद्धालु भक्ति गीतों पर झूम रहे थे। वहीं युव वर्ग देश भक्ति गीतों पर उत्साहित था। गुरु विरजानंद आर्ष गुरुकुल भोलेपुर के ब्रह्मचारियों के व्यायाम प्रदर्शन व हैरतअंगेज करतब देख लोग हतप्रभ थे। गले से सरिया मोड़ व आग के गोले से निकल कर ब्रह्मचारी अपने शारीरिक कौशल का परिचय दे रहे थे। यात्रा में इस बार यज्ञ कुंड की झांकी भी निकाली गई, जिसमें बैठकर ब्रह्मचारी हवन कर लोगों को आहुतियां डालने को प्रेरित कर रहे थे। जगह-जगह रथ को रोककर कल्पवासी यज्ञ में आहुतियां डाल कर पुण्य लाभ अर्जित कर रहे थे। औषधीय सामिग्री से युक्त यज्ञ के प्रभाव से सारा क्षेत्र सुगंधित हो रहा था। सम्पूर्ण यात्रा में यज्ञ रथ आकर्षण का केंद्र रहा। जिसके निकट खड़े होकर युवा सेल्फी खींच कर सनातन संस्कृति के गौरव यज्ञ से जुड़ रहे थे। सबसे पीछे रथ में सवार जिला आर्य प्रतिनिधि सभा के आचार्य चन्द्रेव शास्त्री व सोमवारपुरी महाराज भक्तों को आशीर्वाद दे रहे थे। यात्रा का जगह-जगह पुष्प डालकर स्वागत किया गया। मेला समिति के अधिकारियों द्वारा सभी सन्तों का माल्यार्पण कर सम्मान किया गया। कार्यक्रम का संचालन मुन्ना एडवोकेट ने किया। जिला सभा के मंत्री डॉ0 शिवराम सिंह आर्य ने सभी विद्वानों का वैदिक साहित्य भेंट कर सम्मान कर आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि जब तक ये संसार रहेगा तब तक स्वामी दयानंद का नाम रहेगा। उन्होंने मानवता के कल्याण व निर्बल जनों की सेवा के लिए जीवन समर्पित कर दिया। आज उनके विचारों को जन-जन तक पहुंचाने की आवश्यकता है। कार्यक्रम में स्वामी श्यामानंद, यतिराज सिंह, आदित्य कुमार, घनशयाम आर्य, सुरेश चंद्र, योगेंद्र सिंह, पंकज आर्य, प्रदीप आर्य, मुन्ना लाल राठौर, राजीव यादव, हरी सिंह फौजी, डॉ0 सत्यम कटियार, राहुल वर्मा, प्रेमपाल, रेनू आर्या, अमृता आर्या, शालिनी आर्या आदि उपस्थित रहे।

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